लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वायनाड से पहली बार संसद पहुंची कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने संयम, परिपक्वता, ज्वलंत मुद्दों से जुड़ाव के साथ मर्यादा की लक्ष्मण रेखा में रहते हुए प्रभावी तरीके से अपनी बात रखकर सदन में सबका ध्यान खींचा। हाई वोल्टेज सियासी गरमागरमी के दौर में भी शब्दों की मर्यादा कायम रखी।
एक लंबे अर्से बाद कांग्रेस को एक प्रखर वक्ता की कमी पूरी
मगर आमलोगों के मुद्दों, सवालों के साथ सत्ता को निरंकुश व्यवहार से जुडे़ मसलों पर कठघरे में खड़ा करने में कोई हिचक भी नहीं दिखाई। संसदीय शिष्टाचार की परिधि में रहते हुए विशुद्ध सहज हिन्दी की अपनी संवाद शैली के जरिए प्रियंका सदन में एक लंबे अर्से बाद कांग्रेस को एक प्रखर वक्ता की कमी पूरी करने की उम्मीद के रूप में नजर आयीं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना
संविधान की 75 वर्ष की गौरवशाली यात्रा पर चर्चा की शुरूआत करते हुए रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के कांग्रेस पर जिस तरह का धुआंधार हमला करते हुए प्रहार किया था उसके बाद मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की ओर से कटु पलटवार की उम्मीद की जा रही थी। मगर प्रियंका ने वेदों, पुराणों, उपनिषदों के सभी धर्मों के ग्रंथों में वाद-विवाद और संवाद का उल्लेख कर बहस को देश की संस्कृति बता शुरूआत में ही सत्तापक्ष को नरम कर दिया।
सांप्रदायिक हिंसा, मणिपुर हिंसा और हाथरस दुष्कर्म पीड़िता की बात की
इसके बाद संभल की सांप्रदायिक हिंसा, मणिपुर हिंसा और हाथरस दुष्कर्म पीड़िता के मामले को नागरिकों के संवैधानिक हक पर प्रहार का मामला भी इस अंदाज में उठाया कि सत्तापक्ष इसका प्रतिवाद नहीं कर सका। बाहर यह एक सामान्य चर्चा रही कि लंबे अर्से बाद गांधी परिवार में एक ऐसे वक्ता की झलक दिखने लगी है जो धीरे धीरे इंदिरा की छवि को फिर से पा सकता है।
गौरतलब है कि सोनिया गांधी सामान्यतया चुप ही रहती थीं और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के भाषणों में आक्रामकता इतनी ज्यादा होती है कि सदन की कार्यवाही पर असर दिखता है। विपक्षी बेंच की चौथी पंक्ति की अपनी सीट से पहला भाषण दे रही प्रियंका गांधी की ओर विपक्ष के तमाम नेताओं के साथ-साथ सत्ता पक्ष की भी उत्सकुता भरी निगाहें लगी थीं।
सत्ता पक्ष को भाषण के दौरान व्यवधान-हंगामे का कोई मौका नहीं मिला
प्रियंका के संबोधन की सबसे खास बात यही रही है कि टकराव बढ़ाने जैसे तरीकों का उपयोग किए बिना प्रभावी तरीके से अपनी बातें रखीं और शायद उनकी इस शैली का ही नतीजा रहा कि सत्तापक्ष को उनके भाषण के दौरान व्यवधान-हंगामे का कोई मौका नहीं मिला।
प्रियंका गांधी के बेटा-बेटी और पति भी रहे मौजूद
प्रियंका का संबोधन खत्म हुआ तब लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी चलकर उनके पास गए और गले लगाते हुए बधाई दी। कांग्रेस तथा विपक्ष खेमे के तमाम सांसद भी उनके संबोधन की प्रशंसा करते हुए प्रियंका को बधाई देते हुए दिखे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका के पति रार्बट वाड्रा तथा बेटे रेहान चर्चा की शुरूआत से ही उनका पहला भाषण सुनने के लिए दर्शक दीर्घा में मौजूद थे।
















