आज नाग पंचमी से मधु श्रावणी व्रत त्यौहार प्रारंभ हो गया है । सावन मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी आज मंगलवार नवविवाहित महिलाओं द्वारा उपवास रखकर किया जाने वाला पवित्र मधुश्रावणी व्रत मां गौरी और भगवान शिव की विधिवत पूजा अर्चना के साथ प्रारंभ हो गया है।
पारिवारिक और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक यह त्यौहार 13 दिनों तक आयोजित होता है।
सौभाग्य और सुहाग बनाए रखने,वैवाहिक जीवन की सुख शांति और ससुराल की समृद्धि के लिए विशेष रूप से मिथिलांचल में मैथिल समाज द्वारा पूरी आस्था और श्रद्धा भाव के साथ मनाया जाता है।
जिले के साथ-साथ कटिहार नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या में 01 में टीवी सेंटर कृष्णा नगर निवासी अजय कुमार ठाकुर की नव विवाहित पुत्री नेहा मिश्रा ने आज नाग पंचमी से अपनी सुहाग की समृद्धि के लिए उपवास रखकर त्यौहार का आरंभ किया।
बताया गया कि प्रतिदिन मां गौरी भगवान शिव नाग नागिन सूर्य चंद्रमा सहित अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना करती है। व्रत के दौरान परिवार की सबसे अनुभवी महिला द्वारा वैवाहिक जीवन को सफल बनाए रखने के लिए कथा वाचन करती है । पूरे दिन उपवास रखकर नव विवाहित व्रती संध्या के समय फलहार करती है।
….ससुराल से आती है पूजन सामग्री नव वस्त्र एवं मिठाई
कथावाचक महिला 65 वर्षीय माधुरी देवी ने बताया कि परंपरा के अनुसार नव विवाहित इस त्यौहार को अपने मायके में रहकर ही पूरा करती है। वही पूजा की सभी सामग्री नाग नागिन एवं हाथी की मूर्ति सहित, नव वस्त्र, साज श्रृंगार,अरवा चावल, मौसमी फल चना एवं मिठाई ससुराल पक्ष से भेजा जाता है।
13 दिन के बाद व्रत के समापन के दिन वृद्धि के पति और ससुराल के अन्य सगे संबंधी मायके पहुंचते हैं और नव दंपति को आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
व्रत के उद्यापन के दिन सुहागिन महिलाओं को मिष्ठान भोजन करने की परंपरा है जिसे पूरी श्रद्धा भाव और प्रेम से निभाया जाता है।
मधुश्रावणी जैसे पारंपरिक त्योहार महिलाओं के आस्था और पारिवारिक संस्कारों को बनाए रखने का एक शानदार उदाहरण है, जिसमें घर परिवार एवं मोहल्ले समाज की महिलाएं इस पर में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है।