दुर्गापूजा का कोलकाता से लेकर कटिहार तक धूम रहता है, यू तो पूरे देश भर में दुर्गा पूजा धूम धाम से मनाया जाता है,आज हम कटिहार के एक पंडाल का झलक दिखता हूं
दुर्गा पूजा के मामले में कटिहार को मिनी कोलकाता कहा जाता है। भक्ति और भव्यता के समागम से पूरे जिले का माहौल भक्तिमय है। एक से बढ़कर एक पंडाल शहर की खूबसूरती में चार चांद तो लगा ही रहा है, साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय है। ऐसे में कटिहार के सबसे बड़े पूजा पंडालो के आयोजन में से एक अमला टोला दुर्गा पूजा समिति द्वारा इस बार बाबूई पक्षी के घोसले की तर्ज पर भव्य पंडाल निर्माण करवाया जा रहा है। जो पिछले 1 महीने से तैयार किया जा रहा है। इस पंडाल पर आयोजक संजय सिंह कहते हैं कि इस पूरे पंडाल में कहीं भी कपड़ा या थर्मोकोल इस्तेमाल नहीं किया गया है। यह पूरी तरह इको फ्रेंडली पंडाल है। जिसकी लागत लगभग 15 लाख रुपए है। साथ ही इसकी जगमगाती रोशनी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। आयोजन से जुड़े साहेब सिंह कहते हैं कि क्लब के 75 वर्ष पूरे होने के बाद अमला टोला दुर्गा पूजा समिति ने इस बार कुछ अलग करने की कोशिश की है, जो लोगों को बेहद पसंद आएगा। इस पूरे पंडाल का थीम बाबुई पक्षी के घोसले से जुड़ा है। जिसके अंदर मां दुर्गा विराजमान होंगी। निश्चित तौर पर यूनिक थीम पर कटिहार जिले में एक से एक पंडाल का निर्माण कर जा रहा है। यही कारण है कि सीमांचल के अलावा अन्य जिलों से भी श्रद्धालु कटिहार पहुंचकर जिले के सभी सभी दुर्गा पूजा पंडालो का लुत्फ उठाते हैं।
















