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भारत विरोधी एजेंडे में हमारा हाथ नहीं’, BJP के संगीन आरोपों पर गिड़गिड़ाने लगा अमेरिका; अडाणी का भी किया जिक्र

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अमेरिका ने शनिवार को भाजपा के इन आरोपों को खारिज किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कारोबारी गौतम अदाणी पर लक्षित हमलों के माध्यम से भारत को अस्थिर करने के प्रयासों के पीछे अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा वित्त पोषित संगठनों और वाशिंगटन की सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों का हाथ है।
भाजपा ने लगाया मिलीभगत का आरोप
अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने आरोपों को निराशाजनक बताया और कहा कि अमेरिका सरकार दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता की पैरोकार रही है। भाजपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अमेरिका की सरकारी संस्थाओं में शामिल तत्वों ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की।भाजपा ने अदाणी समूह पर हमला करने और सरकार के साथ उसकी निकटता का आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी द्वारा ओसीसीआरपी की रिपोर्ट का उपयोग किए जाने का हवाला दिया था। अधिकारी ने कहा कि अमेरिका सरकार स्वतंत्र संगठनों के साथ काम करती है जो पत्रकारों के लिए पेशेवर विकास और क्षमता निर्माण प्रशिक्षण का समर्थन करती है। यह कार्यक्रम इन संगठनों के संपादकीय निर्णयों या दिशा को प्रभावित नहीं करता है।
भाजपा ने गुरुवार को आरोप लगाया कि अमेरिकी डीप स्टेट ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की खातिर मीडिया पोर्टल ओसीसीआरपी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलीभगत की। भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी ने अडानी समूह पर हमला और सरकार के साथ निकटता का आरोप ओसीसीआरपी की रिपोर्टों के आधार पर लगाया है।
कौन करता है फंडिंग?
भाजपा ने फ्रांसीसी मीडिया रिपोर्ट के हवाले से कहा कि ओसीसीआरपी को अमेरिकी विदेश विभाग के USAID और जॉर्ज सोरोस व रॉकफेलर फाउंडेशन जैसे डीप स्टेट फिगर फंडिंग करते हैं। बता दें कि ओसीसीआरपी एक मीडिया प्लेटफॉर्म है। इसका मुख्यालय एम्स्टर्डम में है। अपराध और भ्रष्टाचार से जुड़ी खबरों पर इसका फोकस होता है।
अडाणी पर अमेरिका ने लगाया आरोप
भाजपा ने कहा कि एक फ्रांसीसी खोजी पत्रकार ने खुलासा किया है कि अमेरिकी सरकार मीडिया संगठन ओसीसीआरपी को नियंत्रित करती है। बता दें कि पिछले महीने ही अमेरिका ने भारतीय उद्योगपति गौतम अडाणी और उनके भतीजे सागर अडाणी समेत अन्य पर 2020 से 2024 तक भारत में अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया था।
स्वतंत्र प्रेस लोकतंत्र का अनिवार्य घटक
अमेरिकी दूतावास के अधिकारी ने कहा, “अमेरिका लंबे समय से दुनिया भर में मीडिया की स्वतंत्रता का चैंपियन रहा है। एक स्वतंत्र प्रेस किसी भी लोकतंत्र का एक अनिवार्य घटक है। यह रचनात्मक बहस को सक्षम बनाता है और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह बनाता है।”

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