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9 साल के आरित कपिल ने अपनी रणनीति का किया खुलासा, 65 साल के अमेरिकी ग्रैंडमास्टर रासेट को दी थी मात

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प्रतिभा उम्र की मोहताज नहीं होती, यह साबित कर दिखाया है दिल्ली के नौ वर्षीय आरित कपिल ने। आरित ने भुवनेश्वर में आयोजित केआईआईटी इंटरनेशनल ओपन टूर्नामेंट के नौवें और अंतिम दौर में 65 वर्षीय अमेरिकी ग्रैंडमास्टर रासेट जियातदीनोव को हराकर इतिहास रच दिया। इस जीत के साथ आरित शतरंज ग्रैंडमास्टर को पराजित करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय खिलाड़ी बन गए हैं।
मयूर विहार फेस-1 निवासी और चौथी कक्षा के छात्र आरित ने अपनी इस ऐतिहासिक जीत को अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। दैनिक जागरण से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैच के दौरान थोड़ी घबराहट थी, लेकिन मुझे पता था कि प्रेशर को कैसे संभालना है।
उन्होंने आगे कहा कि मेरे माता-पिता और कोच विजय सरीन और ओंकार जाधव ने मुझे सलाह दी थी कि केवल खेल पर ध्यान देना है। आरित ने बताया कि शुरुआत में उन्होंने मैच ड्रा करने का सोचा, लेकिन जल्द ही उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी का ध्यान भटकाकर उन्हें पराजित करने का तरीका ढूंढ लिया। इस जीत के बाद मेरा हौंसला और उत्साह बढ़ गया है। मैं आने वाली विश्व और एशियाई चैंपियनशिप के लिए खुद और अधिक करने का प्रयास करूंगा।
माता-पिता का योगदान
आरित की सफलता के पीछे उनके माता-पिता का बड़ा योगदान है। उनके पिता विजय कपिल ने बताया कि छोटी उम्र में ही आरित का शतरंज के प्रति झुकाव साफ नजर आने लगा था। पांच साल की उम्र में उसने एक आनलाइन प्रतियोगिता में विदेशी खिलाड़ी को हराकर खिताब जीता था। तभी उन्होंने तय किया कि आरित को प्रशिक्षित किया जाएगा।
उनकी मां निशा कपिल नियमित रूप से मयूर विहार से रोहिणी तक ले जाकर उसकी कोचिंग का ध्यान रखती हैं और 8-10 घंटे तक अभ्यास के दौरान वहीं मौजूद रहती हैं। पिता विजय कपिल ने बताया कि आरित की दिनचर्या काफी व्यस्थ है। हम उस पर किसी भी प्रकार का कोई प्रेशर नहीं डालते है। वह अपनी मर्जी से ही अभ्यास करता है। उन्होंने बताया कि शतरंज खेलने की कला उसे दादा रामसिंह कपिल से मिली है। वह भी शतरंज के अच्छे जानकार थे और वे उनकी कहानी सुनाया करते है।
कोच की भूमिका
आरित के वर्तमान कोच विजय सरीन और ओंकार जाधव ने उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना की। कोच सरीन ने कहा, आरित बहुत मेहनती है और पढ़ाई के साथ-साथ खेल में भी संतुलन बनाए रखता है। इतनी कम उम्र में उसने जो हासिल किया है, वह असाधारण है। कोच ओंकार जाधव ने कहा आरित केवल शौक के लिए नहीं, बल्कि जुनून और समर्पण की भावना के साथ खेलता है।
उसकी एकाग्रता और लक्ष्य के प्रति ध्यान वाकई प्रेरणादायक हैं। उसे अपने शतरंज से प्यार है ऐसा बहुत कम देखा जाता है कि कोई खिलाड़ी अपने खेल के प्रति समर्पित हो। मैने अमेरिकी खिलाड़ी के विरुद्ध मैच से पहले उसे यही सलाह दी कि भूल जाओं कि उसकी उम्र क्या है और कैसा है। तुम्हें केवल अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है। आरित की यह सफलता न केवल उसके परिवार बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का विषय है। यह युवा खिलाड़ी अपनी मेहनत और लगन से आने वाले समय में शतरंज की दुनिया में और भी बड़े मुकाम हासिल करेगा।
आरित की उपलब्धियां
आरित को शतरंज खेले अभी चार वर्ष ही हुए है। उन्होंने इतनी कम उम्र में ही कुल 20 पदक (राष्ट्रीय और राज्य स्तर), एशियन यूथ शतरंज चैंपियनशिप में सिंगल वर्ग में 2 रजत, टीम में एक स्वर्ण और टीम में ही दो रजत पदक प्राप्त किए है। इसके अलावा उन्होंने ओपन टूर्नामेंट में कई पदक जीते है। वहीं उन्होंने अंडर-7, 8, 9 और 17 आयु वर्ग में कुल 39 ट्राफी (राज्य स्तर) प्राप्त की है। आरित मौजूदा समय में अर्जुन एरिगैसी के प्रशंसक भी है। उनके मैच देखना इस युवा सितारे को काफी पसंद भी है।

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