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महाकुंभ में 16 जनवरी को हो सकती है योगी कैबिनेट की बैठक, तैयार किए जा रहे प्रस्‍ताव

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महाकुंभ में कैबिनेट बैठक की संभावना को देखते हुए विभाग अपनी कार्ययोजनाएं और प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 2019 कुंभ की तरह इस बार भी कैबिनेट बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कुम्भ 2019 में हुई कैबिनेट बैठक में मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का फैसला लिया गया था।
महाकुंभ-2025 में योगी सरकार की कैबिनेट बैठक 16 जनवरी को हो सकती है। इसे लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। जिसके लिए विभाग अपनी कार्ययोजनाएं और प्रस्ताव तैयार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि 2019 कुंभ की तरह इस बार की बैठक में भी कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। कुम्भ 2019 में योगी सरकार की कैबिनेट बैठक जनवरी के अखिरी सप्ताह में हुई थी, जिसमें मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस वे बनाने का फैसला लिया गया था।

इस बार जनवरी के आखिरी सप्ताह में मौनी अमावस्या का स्नान है, जो महाकुम्भ के छह स्नानों में से सबसे महत्वपूर्ण स्नान होता है। इसके ठीक बाद बसंत पंचमी का स्नान है और उसके बाद राष्ट्रपति के महाकुम्भ आने का कार्यक्रम प्रस्तावित है। बैठक के लिए 21 जनवरी की तिथि भी प्रस्तावित है पर 22 से 24 जनवरी के बीच कई वीआईपी मेहमानों का महाकुम्भ आगमन है। इस दौरान विदेशी मेहमान के आने की भी बात कही जा रही है इसलिए 16 जनवरी की तिथि भी प्रस्तावित हुई है। 16 जनवरी तक पौष पूर्णिमा व मकर संक्रांति के स्नान बीत चुके होंगे।

मौनी अमावस्या की तैयारी के लिए भी काफी वक्त रहेगा ऐसे में इस तारीख को मेला प्राधिकरण के अफसर सबसे अनुकूल मान रहे हैं। हालांकि अंतिम मोहर शासन स्तर से ही लगनी है। शासन ही तय करेगा कि बैठक 16 जनवरी को होगी या 21 जनवरी को कराई जाएगी। डीएम महाकुम्भ विजय किरन आनंद का कहना है कि उन्हें अभी इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।

अनि अखाड़ों के संतों से पेशवाई में मिल सकते हैं मुख्यमंत्री
आठ जनवरी को प्रयागराज आगमन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अनि अखाड़े के संतों से मुलाकात कर सकते हैं। इसके लिए तैयारी की जा रही है। महाकुम्भ की तैयारियों की समीक्षा को लेकर मुख्यमंत्री का कार्यक्रम आठ जनवरी को प्रस्तावित है। इस दौरान सीएम छह घंटे तक प्रयागराज में रहेंगे और कार्यों की समीक्षा करेंगे। बैठक भी करेंगे। सीएम को 31 जनवरी को अनि अखाड़ों की धर्म ध्वजा में आना था, लेकिन राष्ट्रीय शोक होने के कारण वो नहीं आ सके थे। आठ जनवरी को तीनों अनि अखाड़ों की पेशवाई एक साथ होगी। मुख्यमंत्री योगी संतों से मिल सकते हैं।

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