पाकिस्तान में हाल ही में एक बड़ा एनकाउंटर हुआ, जिसकी गूंज दुनियाभर में सुनाई पड़ी। एनकाउंटर में फैसल जट्ट को ढेर कर दिया गया। पाकिस्तान में हुए इस मुठभेड़ के बाद इंस्टाग्राम पर इसको लेकर रील्स की बाढ़ आ गई है।
एनकाउंटर (Faisal Jatt Pakistan encounter) कितना भयावह था, इस बात का पता इससे लगाया जा सकता है कि फैसल के पक्के मकान की दीवारें हजारों गोलियों से छलनी हो गई थीं। इस ऑपरेशन में पुलिस ने भारी मात्रा में गोला-बारूद, ग्रेनेड और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
फैसल जट्ट कुख्यात ड्रग माफिया था और उसके खिलाफ कई वारंट भी जारी हो चुके थे। फैसल पर पाकिस्तानी एलीट फोर्स के एक अधिकारी की हत्या का भी आरोप था।
इंस्टाग्राम पर ये वीडियो वायरल
दरअसल, इंस्टाग्राम समेत दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक फैसल का आखिरी क्षणों का वीडियो वायरल है। इसमें वो कह रहा है, “अगर मैं भाग गया, तो मुझे जट्ट मत कहना”। ये शब्द अब चर्चा का विषय बन गए है और लोग न्याय और इस तरह के एनकाउंटर पर सवाल उठा रहे हैं।
पाकिस्तान के गुजरात प्रांत में हुई मुठभेड़
बता दें कि ये मुठभेड़ 18 दिसंबर को पाकिस्तान के गुजरात जिले के ककराली पुलिस स्टेशन क्षेत्र में स्थित हंज गांव में हुई। कुख्यात ड्रग तस्कर फैसल अपने 20 वर्षीय भतीजे सफीउर रहमान और दो साथियों के साथ मारा गया।
यह ऑपरेशन बुधवार दोपहर को शुरू हुआ और अगले दिन सुबह 7 बजे तक चला, जिसमें सैकड़ों राउंड फायरिंग हुई। अपराधियों को काबू करने के लिए पुलिस के अतिरिक्त बलों और पाकिस्तान के बड़े अफसरों को हेलीकॉप्टर से ले जाना पड़ा।
फैसल जट्ट का पूरा इतिहास
फैसल जट्ट कुख्यात ड्रग डीलर था और उसका बड़ा नेटवर्क था। फैसल के राजनीतिक संबंध भी काफी ऊपर तक माने जाते थे। हालांकि, फैसल ने एक बड़ी गलती कर दी। पुलिस से एक बार मुठभेड़ के दौरान पाकिस्तानी एलीट फोर्स के एक अधिकारी की उसने हत्या कर दी। इसके बाद से वो पाकिस्तानी फोर्स के निशाने पर आ गया।
एक कुख्यात अपराधी की कहानी फैसल जट्ट को फैसल हंज के नाम से भी जाना जाता था, वह ड्रग तस्करी के एक बड़े नेटवर्क का सरगना था, उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. उसके खिलाफ पहले भी कार्रवाई हुई थी, लेकिन इस बार उसके नए मकान में छिपे होने की जानकारी पुलिस को चौंका गई.पुलिस का बयान रहमानिया पुलिस स्टेशन के SHO हाजी सगीर अहमद भडार ने इस ऑपरेशन को एक बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि जो भी कानून व्यवस्था पर हमला करेगा, उसका यही अंजाम होगा, ये ऑपरेशन पाकिस्तान में संगठित अपराध के खिलाफ बढ़ते संघर्ष को दर्शाता है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि फैसल जैसे अपराधी इतने लंबे समय तक सिस्टम से बचने में कैसे कामयाब रहे.
ऑपरेशन का पूरा घटनाक्रम पाकिस्तानी पुलिस की एक विशेष टीम ने हंज गांव में फैसल को गिरफ्तार करने के लिए अभियान शुरू किया, फैसल पर पाकिस्तान की एलीट फोर्स के एक अधिकारी की हत्या का आरोप था. डीएसपी ज़ीशान के नेतृत्व में पुलिस ने फैसल के घर की दीवार को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन अंदर से हुई भारी गोलीबारी ने उन्हें बैकअप बुलाने पर मजबूर कर दिया. अगले दिन की सुबह तक एनकाउंटर में फैसल, उसका 20 वर्षीय भतीजा सफिउर रहमान, दो सहयोगी नावेद अख्तर और नोमी मृत पाए गए. इस ऑपरेशन में सैकड़ों पुलिसकर्मियों की तैनाती हुई. हेलिकॉप्टर्स तक का सहारा लिया गया. एनकाउंटर के बाद पुलिसकर्मियों का हीरो की तरह स्वागत किया गया.
















