इंसानों की दुनिया में मुकदमे कभी-कभी मुकदमा लड़ने वाले के मरने तक खत्म नहीं होते. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी अदालत के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे लेकर दावा किया जाता है कि यहां मरने के बाद भूत बनकर लोगों को परेशान करने वाली शक्तियों पर मुकदमा चलता है.
भूतों की सबसे बड़ी अदालत
ये भूतों की सबसे बड़ी अदालत है. हजारों लोग इस अदालत में पहुंचते हैं और भूतों पर मुकदमा चलाकर उनसे मुक्ति पाते हैं. लेकिन कहां पर लगती है भूतों की ये अदालत.. क्या वाकई भूतों की अदालत की कहानी एक हकीकत है या फिर एक अंधविश्वास को लोग चमत्कार मानकर उस कोर्ट में हाजिरी लगा रहे हैं जहां भूतों पर आन स्पॉट फैसले का दावा किया जाता है. आइये इन तमाम सवालों का जवाब खोजने की कोशिश करते हैं..
भूतों की अदालती सुनवाई
भूतों की अदालती सुनवाई की अद्भुत कथा बिहार के कैमूर जिले के चैनपुर में स्थित हरसू ब्रह्म धाम से जुड़ी है. यहां एक विशेष अदालत लगती है, जहां लोग भूतों से मुक्ति पाने के लिए आते हैं. कई महिलाओं को इस अदालत में आते देखा गया, जो अपने आप को खोते हुए अजीबोगरीब हरकतें कर रही थीं. स्थानीय लोग इसे भूतों की सुप्रीम कोर्ट मानते हैं, जहां परंपरागत रूप से भूत-प्रेतों के मामलों की सुनवाई होती है.
पुजारी वकील की भूमिका निभाते हैं
इस अदालती प्रक्रिया में पुजारी वकील की भूमिका निभाते हैं, और भूतों की पहचान करने के लिए एक खास प्रक्रिया अपनाई जाती है. महिलाओं पर भूतों के आने का दावा किया जाता है, जिसके बाद पुजारी सवाल पूछते हैं और भूत के अंश को लौटने की व्यवस्था करते हैं. यह सब देखकर कई लोगों ने आश्चर्य व्यक्त किया, जबकि यहां आने वालों का विश्वास इस प्रक्रिया में गहरा था.
क्या है वैज्ञानिकों की राय
यहां तक कि वैज्ञानिकों ने भी इस विषय पर अपनी राय व्यक्त की, यह सुझाव देते हुए कि ये भूत बाधाएं कभी-कभी मानसिक समस्याओं से संबंधित हो सकती हैं. नवरात्र के दौरान इस स्थान पर आने वाले भक्तों की संख्या में काफी वृद्धि होती है, क्योंकि लोग आशा करते हैं कि यहां पूजा-पाठ के माध्यम से उन्हें भूतों से मुक्ति मिलेगी.
कहानी 650 साल पुरानी
हरसू ब्रह्म की कहानी 650 साल पुरानी है, जब उन्हें यहां के राजा के प्रधानमंत्री के रूप में पूजा जाता था. भक्तों का मानना है कि उनकी कृपा से अनेक समस्याएं दूर हो जाती हैं, जिससे इस स्थान की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई है.
















