कोढ़ा प्रखंड के राजवाड़ा पंचायत स्थित मां बमकाली मंदिर की ख्याति दूर दूर तक फैली हुई है। यह मंदिर अपने अलौकिक शक्ति के लिए भी काफी प्रसिद्ध है। यहां प्रत्येक दिन सैकड़ो की संख्या में स्थानीय श्रद्धालु सहित दूर दराज से लोग पूजा अर्चना करने पहुंचते हैं,और अपने मनोवांछित कामनाएं करते हैं। मंदिर अपने ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को लेकर काफी प्रसिद्ध है। कटिहार पूर्णिया फोरलेन से आधा किलोमीटर की दूरी पर राजवाड़ा गांव जाने वाली सड़क किनारे रेलवे गेट नंबर–7 के समीप मनोकामना पूर्ण के रूप में प्रसिद्ध मां बमकाली मंदिर है। काली पूजा के अवसर पर दूर दूर से श्रद्धालु यहां पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं में यह विश्वास है कि इस मंदिर मे सच्चे मन से मांगी मुरादों को माता पूरा करती है।
पूर्व में मिट्टी के चबूतरे पर पूजा अर्चना की जाती थी। लेकिन बाद में मंदिर का निर्माण राजवाड़ा पंचायत के मुखिया सह अधिवक्ता सुरेश कुमार राय के द्वारा करवाई गई थी। जो अब ग्रामीणों व श्रद्धालुओं की सहयोग से भव्य मंदिर का रूप दे दिया गया है।
130 वर्ष से भी ज्यादा समय से पुराना है बमकाली मंदिर –––स्थानीय लोग सहित मंदिर कमिटी के सचिव पवन चौबे,उपाध्यक्ष अशोक साह,उप मुखिया सह पैक्स अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ पप्पू राय,पूर्व पंचायत समिति सदस्य अवधेश कुमार राय,हेमंत कुमार राय,पूर्व पैक्स अध्यक्ष प्रदीप कुमार राय,सहदेव ऋषि आदि स्थानीय लोगों का कहना है कि मां बमकाली मंदिर अंग्रेजों के जमाने से भी पूर्व की है। उसी समय से स्थानीय लोगों द्वारा पूजा अर्चना होते आ रही है। इस मंदिर में माता की कोई प्रतिमा व आकर स्थापित नहीं की जाती है। पूर्व में मिट्टी के चबूतरे के बीचों बीच स्थापित सिरीश पेड़ को ही माता का स्थान व स्वरूप मानकर लोग पूजा करते थें। लेकिन शिरीष पेड़ के सूखने के साथ ही उसी स्थान पर पीपल का पेड़ उग आया है। जिसे लोग पूजा करते हैं। अब स्थानीय व श्रद्धालुओं के सहयोग से भव्य मंदिर का निर्माण कर दिया गया है। साथ मंदिर प्रांगण में छठ घाट,सामुदायिक भवन सहित श्रद्धालुओं की सुविधा व बैठने के लिए शेड का निर्माण करवाया गया है। साथ ही मंदिर के ठीक बगल में राधा कृष्ण मंदिर का भी निर्माण किया गया है। जहां भव्य हरिनाम संकीर्तन का आयोजन होता है। मंदिर कमिटी की ओर से प्रत्येक माह की अमावस्या की रात्रि पर बमकाली माता की पूजा अर्चना का आयोजन किया जाता है। काली पूजा की अर्धरात्रि को विशेष निशा पूजा का आयोजन किया जाता आ रहा है। इस वर्ष भी होने वाली काली पूजा के अवसर पर होने वाली पूजा अर्चना को लेकर मंदिर कमिटी के सदस्य व राजवाड़ा ग्राम वासी इसकी तैयारी जोर शोर से शुरू कर दी है।
















