जहां एक तरफ सरकार किसानों की आय दुगनी करने को लेकर तरह तरह की स्कीम ला रही है। वहीं दूसरी तरफ रबी फसल के बुआई के लिए किसानों को डीएपी सरकार के द्वारा निर्धारित मूल्य से चार सौ रुपये अधिक देकर खरीदना पड़ रहा है। जिससे किसान मजबूरन अधिक पैसे में खाद बीज खरीदने को मजबूर है। इस समय जिले के सभी ब्लॉक के किसान त्राहिमाम हैं। जिले के कोढ़ा प्रखण्ड क्षेत्र के गेड़ाबाड़ी बाजार में एग्रो केयर के प्रोपराइटर संजय अग्रवाल एवं सोनू साह खाद दुकानदारों के द्वारा खाद की हो रही कालाबाजारी के विरोध में भारतीय किसान संघ के कार्यकर्ताओं ने जिला कृषि पदाधिकारी का पुतला दहन किया। हालांकि इस दौरान प्रखंड कृषि पदाधिकारी के प्रति भी आक्रोश देखा गया। उक्त कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष अमरजीत सिंह ने कहा कि शासन और प्रशासन के लापरवाही का नतीजा है कि प्रत्येक वर्ष किसानों को खाद की कालाबाजारी से जूझना पड़ता है। 1350 रुपए वाला डीएपी 1700 रुपए और 266 रुपए की यूरिया 350 रुपए में खुलेआम बेचा जा रहा है और किसान संघ के कार्यकर्ता जब इसकी शिकायत करते हैं तो जिला कृषि पदाधिकारी भी गोलमोल जवाब देकर सारा दोष शासन व्यवस्था पर थोप कर अपनी पीछा छुड़ाना चाहते हैं। कार्यक्रम के मुख्य रूप से उत्तर बिहार प्रांत के महामंत्री मनोज गुप्ता भी उपस्थित थे। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि देश में कुल आबादी में आधा से ज्यादा आबादी खेती से जुड़ी है और किसान आजादी के बाद से अब तक जो भी सरकार आई सभी ने किसान कल्याण का नारा दिया परंतु दुर्भाग्य से आज तक वो नारा केवल सबों ने नारा ही दिया किसी ने किसानों का कल्याण नहीं किया। उन्होंने पत्रकारों को बताया कि मंगलवार को कोढ़ा के कई दुकानों पर जाकर खाद की हो रही कालाबाजारी का खेल देख रहा था। जिसमें एक किसान को एग्री केयर नामक का दुकानदार संजय अग्रवाल डीएपी को 1680 रुपए में बेच रहे थे तथा गेड़ाबाड़ी बाजार के ही संतोष कृषि केंद्र के सोनू साह डीएपी 17 सौ रुपये में बेच रहे थे। मंगलवार को ही उक्त दुकानदार के यहां से डीएपी खरीद कर जा रहा था अगर प्रशासन त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका लाइसेंस रद्द नहीं करती है तो भारतीय किसान संघ उग्र आंदोलन करने की बात कही…
















