पंजाब के 101 किसान दोपहर 12 बजे पैदल शंभू बॉर्डर से दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक लिया। यहां पुलिस और किसानों के बीच बहस हो रही है।
हरियाणा पुलिस ने किसानों से दिल्ली जाने की परमिशन मांगी है। उनका कहना है कि बिना परमिशन के वह दिल्ली नहीं जा सकते। इसके बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इस पर हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। किसान पीछे की तरफ भागे।
इसके बाद हरियाणा पुलिस ने किसानों पर फूल भी बरसाए और फिर आंसू गैस के गोले छोड़ दिए। जिसमें 3 किसान घायल हुए। इससे पहले एक किसान घायल हुआ था। अब तक 4 किसान घायल हो चुके हैं।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने 101 किसानों की लिस्ट जारी की है। उधर, हरियाणा पुलिस का कहना है कि हम पहले किसानों की पहचान करेंगे और फिर उन्हें आगे जाने देंगे। हमारे पास 101 किसानों के नामों की लिस्ट है और वे (किसान) लोग नहीं हैं। वे हमें अपनी पहचान नहीं करने दे रहे हैं। किसान हथियार लेकर आए हैं।
वहीं हरियाणा और पंजाब पुलिस ने मीडिया को दूर से कवरेज करने की सलाह दी है। किसान केंद्र सरकार से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून समेत 13 मांगें कर रहे हैं।
इससे पहले 6 दिसंबर को भी किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिसमें 8 किसान घायल हो गए। इसके बाद पंधेर ने किसानों को वापस बुला लिया।
हरियाणा पुलिस और किसानों के क्या-क्या इंतजाम…
हरियाणा पुलिस: किसानों को रोकने के लिए पुल के ऊपर और नीचे करीब 1000 जवान तैनात किए हैं। 3 वज्र वाहन खड़े किए। आंसू गैस के गोलों के डिब्बे रखे हैं।
किसान: घायलों को ले जाने के लिए 10 एंबुलेंस के अलावा 7 गाड़ियां तैनात की हैं। आंसू गैस के गोलों से निपटने के लिए 500 मीटर के दायरे में पानी के टैंकरों और बोरियों का इंतजाम किया है। किसानों को चश्मे और मास्क के साथ नमक भी दिया है। दरअसल, आंसू गैस से सांस लेने में दिक्कत होती है। नमक चाटने से राहत मिलती है।
हरियाणा पुलिस ने किसानों से कहा कि आप हमारे भाई हैं। अन्नदाता हो। आपके लिए लंगर का इंतजाम किया गया है। आप आराम से बैठ जाएं।
इसके बाद कहा कि आप हथियार लेकर आए हो। यह प्रदर्शन गैरकानूनी है। आप पीछे जाएं। आप 2 घंटे से हमें वेरिफिकेशन नहीं करवा रहे हैं। आप प्लानिंग से आगे बढ़ रहे हो।
101 किसानों को मंच से कहा- हरियाणा पुलिस को लिस्ट न दें
बॉर्डर पर गए 101 किसानों को मंच से कहा गया है कि हरियाणा पुलिस को कोई लिस्ट नहीं देनी है। हमारी लिस्ट पहले गई हुई है। आप अपना संघर्ष जारी रखें।
हरियाणा पुलिस की तरफ से किसानों की हाजिरी लगाई जा रही है। किसानों को कहा गया है कि वह वेरिफिकेशन करवाएं। पुलिस ने कहा कि पहचान पत्र साथ होना चाहिए। साथ ही पुलिस का कहना है कि किसान सहयोग नहीं कर रहे हैं।
हरियाणा पुलिस ने पिछली बार कहा था कि जत्थे में 100 से ज्यादा लोग थे, इसके बाद आज पंजाब पुलिस की तरफ से पंडाल में पहुंचकर जत्थे में जा रहे लोगों की गिनती की गई है। इसके साथ ही उनकी वीडियोग्राफी भी की गई। इस दौरान बाकी किसानों को पंडाल से बाहर निकाल दिया गया।
किसानों ने हरियाणा पुलिस के बैरिकेड और कंटीले तार मंच के पास रखे
6 दिसंबर को दिल्ली मार्च के दौरान किसानों ने हरियाणा पुलिस की तरफ से लगाए गए बैरिकेड के साथ कंटीले तार उखाड़ दिए थे। इसके बाद वह इन्हें पंजाब की तरफ लगाए गए मंच के पास ले आए थे।
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि आमरण अनशन को 13 दिन हो गए हैं। हमारा कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा है। सरकार हमें न दिल्ली जाने दे रही है और न ही हमारी समस्याओं का हल कर रही है। भगवान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सद्बुद्धि दें और हमारे मसलों को हल करें। सरकार को ऐसा लगता है कि हमारे खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाकर सफल हो जाएंगे। सरकार को टकराव की नीति छोड़कर मसलों को हल करना चाहिए। हमारा 9 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी के पानीपत के कार्यक्रम का विरोध करने का कोई प्रोग्राम नहीं है।
इस पूरे घटनाक्रम में कुल 8 किसान घायल हो गए। बाद में सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया। ढाई घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद किसान वापस धरनास्थल की तरफ चल पड़े। वह अपने साथ कंटीले तार और बैरिकेडिंग भी ले गए।
















