कार्यकर्ताओं की बैठकों का दौर जारी है। उधर प्रतिष्ठा द्वादशी के तीन दिवसीय उत्सव के अन्तर्गत आयोजित रासोत्सव के लिए प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाल का नाम तय हो गया और उन्होंने अपनी सहमति भी प्रदान कर दी है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि अभी अन्य नामों पर भी विचार विमर्श चल रहा है। उन्होंने बताया कि रामकथा गायन के लिए अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति लब्ध कवि एवं मानस कार कुमार विश्वास का भी समय लिया गया है। इस बीच पौष शुक्ल प्रतिपदा तदनुसार मंगलवार से रामलला की पूजा अर्चना के लिए नयी नियमावली के अनुसार पुजारियों का रोस्टर भी बदल गया है।
इस रोस्टर के मुताबिक सायं पाली में कार्यरत पुजारियों की टोली सुबह मंगला आरती से लेकर मध्याह्न राजभोग आरती का दायित्व निर्वहन करने लगी है। इसी तरह सुबह में कार्यरत पुजारियों की टोली सायंकाल के दायित्व को संभाल चुकी है। प्रातः काल निर्धारित रोस्टर हर के अनुसार सायं पाली में कार्यरत वरिष्ठ सहायक पुजारी प्रेमकुमार त्रिपाठी व प्रदीप दास के नेतृत्व में नये पुजारियों की टोली ने रामलला के उत्थापन के बाद मंगला आरती की। पुनः श्रृंगार आरती व राजभोग आरती भी इसी टोली के पुजारियों ने की।
उधर सायं पाली में अपराह्न डेढ़ बजे से सुबह की टोली में कार्यरत वरिष्ठ सहायक पुजारी संतोष कुमार तिवारी व अशोक उपाध्याय के नेतृत्व में सहयोगी पुजारियों ने अपना दायित्व ग्रहण कर लिया है। नयी नियमावली के आलोक में रोस्टर का पहला चक्र पहली बार पूरा हुआ। अब पौष पूर्णिमा से ड्यूटी में परिवर्तन का दूसरा चक्र शुरू होगा। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय का कहना है कि क्रिसमस के बाद से प्रतिदिन सवा लाख के आसपास दर्शनार्थी दर्शन के लिए आ रहे हैं।
भीड़ के बाद भी नये साल में पास व्यवस्था स्थगित नहीं
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय का कहना है कि एक जनवरी को नियमित रूप से निर्गत होने वाले पास की व्यवस्था स्थगित नहीं की गयी है। हालांकि उन्होंने माना कि इससे असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पास की शार्टेज हो रही है। हर दिन भीड़ के कारण निर्धारित संख्या के पास खत्म हो जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी समस्या को ध्यान में रखकर प्रतिष्ठा द्वादशी के तीन दिवसीय उत्सव में पास की व्यवस्था स्थगित कर दी गयी है।
















