महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने लाडकी बहिन योजना को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा 2.5 लाख रुपये या उससे अधिक वार्षिक आय वाले लड़की बहन लाभार्थियों से स्वेच्छा से योजना से बाहर निकल जाएं। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनके आवेदन निरस्त कर दिए जाएंगे। उन्होंने धर्मनिरपेक्षता और प्रगतिशील राजनीति के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराई और विभाजनकारी रणनीति और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी चेतावनी भी दी।जालना में एनसीपी के जिला कार्यालय के उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए पवार ने कहा, ‘महाराष्ट्र हमेशा से प्रगतिशील विचारों और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक रहा है। एनसीपी एकता और धर्मनिरपेक्षता के लिए दृढ़ता से खड़ी है। हम किसी को भी नफरत फैलाने या विभाजनकारी राजनीति में लिप्त होने की अनुमति नहीं देंगे।’दागी छवि वालों से रहें दूर’
अजित पवार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से नए सदस्यों को शामिल करते समय पारदर्शिता सुनिश्चित करने और ‘दागी छवि वाले व्यक्तियों को शामिल करने से बचने’ का आग्रह किया।सरकार ने जारि किए 3700 करोड़
अजित पवार ने दावा किया कि महाराष्ट्र सरकार ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए लड़की बहन योजना के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को 3,700 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उपमुख्यमंत्री ने अयोग्य लाभार्थियों से स्वेच्छा से लाभ छोड़ने की अपील की।
26 जनवरी से मिलने लगेगी किश्त
पवार ने कहा, ‘यह योजना आर्थिक रूप से वंचित महिलाओं के लिए है। दुर्भाग्य से, आयकर दाखिल करने वाली महिलाएं भी इसका लाभ उठा रही हैं। मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वे पीछे हटें ताकि सहायता जरूरतमंद लोगों तक पहुंच सके।’ उन्होंने कहा कि पात्र महिलाओं को 26 जनवरी से 1,500 रुपये मासिक भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा।
अजित पवार ने ईवीएम के खिलाफ उनके अभियान के लिए विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, ‘जब वे कर्नाटक और पश्चिम बंगाल जैसे अन्य राज्यों में चुनाव जीतते हैं, तो वे ईवीएम की प्रशंसा करते हैं। लेकिन जब वे हारते हैं, तो वे उन्हीं मशीनों को दोष देते हैं।’