महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या महज एक और गैंगलैंड हत्या नहीं थी- यह एक अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट के सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई वारदात थी। इस हत्या को लालच और चालाकी के जाल में फंसे नए रंगरूटों ने अंजाम दिया।
चार्जशीट में पुलिस ने कहा कि नौकरी के लिए रखे गए प्रवासी, गरीब युवक लॉरेंस बिश्नोई के जादू से आकर्षित हुए। लॉरेंस की छवि उनके सामने एक सामाजिक रक्षक और महान क्रांतिकारी भगत सिंह के प्रशंसक के तौर पर रखी गई।
अनमोल बिश्नोई का था इन्वॉल्वमेंट
गिरफ्तार किए गए 26 आरोपियों में से छह ने मजिस्ट्रेट के सामने विस्तृत कबूलनामा दिया है, जो चार्जशीट का हिस्सा है। बयानों से साफ है कि बाबा सिद्दीकी कांड में शूटरों की भर्ती, प्लानिंग और हत्या में फरार गैंगस्टर अनमोल बिश्नोई का सीधा इन्वॉल्वमेंट था। सभी छह ने अपने कृत्य के लिए पश्चाताप व्यक्त किया है।
जून 2024 से शुरू हुई थी प्लानिंग
मुख्य शूटर के रूप में नामित शिवकुमार गौतम ने अपने बयान में खुलासा किया कि जून 2024 में, वॉन्टेड आरोपी शुभम लोनकर ने उनसे और उनके साथी धर्मराज कश्यप से संपर्क किया। लोनकर ने कथित तौर पर उनसे कहा कि अगर वे एक काम करने के लिए सहमत हो जाएं तो वे 10-15 लाख रुपये कमा सकते हैं।
दाऊद इब्राहिम से लिंक का किया दावा
गौतम ने कहा कि लोनकर ने यह दावा करके उन्हें प्रेरित किया कि टारगेट का दाऊद इब्राहिम से लिंक है और वे बम विस्फोटों में शामिल थे। उत्तर प्रदेश का एक गरीब प्रवासी गौतम काम की तलाश में था। उसे हाल ही में स्क्रैप व्यापार में नौकरी मिली थी। कश्यप के माध्यम से उसकी मुलाकात लोनकर से हुई थी।
गौतम ने अपने बयान में कहा, ‘मुझे लगा कि मैं बच सकता हूं। मैंने परिणामों के बारे में नहीं सोचा। अब मुझे पता है- अपराध केवल दो चीजों की ओर ले जाता है- मौत या जेल। मुझे हर चीज का पछतावा है। काश मैंने पैसे कभी नहीं लिए होते।’
उत्तर प्रदेश से पुणे आया था हरीश
उत्तर प्रदेश के बहराइच का रहने वाला एक और साथी हरीश कुमार कश्यप 2016 में स्क्रैप के व्यापार में अपने भाइयों के साथ काम करने के लिए पुणे चला गया था। 2020 में उसने बालाजी स्क्रैप सेंटर शुरू किया, लेकिन कारोबार मंदा था। पैसे की जरूरत होने पर उसने कर्वे नगर इलाके के अपराधियों से संपर्क करना शुरू कर दिया
हरीश कश्यप ने क्या कहा
हरीश कुमार कश्यप ने अपने बयान में कहा, ‘मैं लालच में अंधा हो गया था…मुझे लगा कि मैं अपने दोस्तों की मदद कर रहा हूं। मुझे एहसास नहीं था कि मैं हत्यारों की मदद कर रहा हूं…मैं अपना कारोबार बढ़ाना चाहता था, लेकिन अब मैं अपनी जिंदगी जेल में बिताऊंगा।’
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड
मुंबई के बांद्रा ईस्ट इलाके में सिद्दीकी (66) की उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। गौतम ने यह भी दावा किया कि उसे बाबा सिद्दीकी या जीशान सिद्दीकी को मारने के लिए कहा गया था और इसके बदले उसे 15 लाख रुपये देने का वादा किया गया था।
महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या महज एक और गैंगलैंड हत्या नहीं थी- यह एक अंतरराष्ट्रीय अपराध सिंडिकेट के सावधानीपूर्वक योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दी गई वारदात थी। इस हत्या को लालच और चालाकी के जाल में फंसे नए रंगरूटों ने अंजाम दिया।
चार्जशीट में पुलिस ने कहा कि नौकरी के लिए रखे गए प्रवासी, गरीब युवक लॉरेंस बिश्नोई के जादू से आकर्षित हुए। लॉरेंस की छवि उनके सामने एक सामाजिक रक्षक और महान क्रांतिकारी भगत सिंह के प्रशंसक के तौर पर रखी गई।
















