हसनगंज प्रखंड क्षेत्र नदियों से घिरा है। साथ ही प्रखंड क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मखाना की खेती की जाती है। विगत वर्षों से मखाना की खेती की ओर किसानों के बढ़ते रुझान से मखाना खेती का रकवा भी काफी बढ़ चुका है। जो मखाना की खेती नदी व तालाबों मे होती थी। वह मखाना अब किसान समतल भूमि मे मेढ़ बनाकर करने लगे हैं। इससे सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है,की किस कदर तक किसान मखाना की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं। वहीं मखाना की खेती में पानी की पर्याप्त जरूरत होने से इस सीजन में झील सा नजारा बन जाता है। जिससे हसनगंज प्रखंड क्षेत्र के कई भागों में बड़ी संख्या मे प्रवासी पक्षीयों का आना शुरू हो जाता है,और ऐसे पक्षी कई महीनों तक प्रखंड क्षेत्र में अपना बसेरा बना लेते हैं। जिनकी कलवल करती आवाजें लोगों को मोहित करती है। स्थानीय अमित कुमार सहित अन्य लोगों ने बताया कि क्षेत्र में जब से मखाना खेती का रकवा बढ़ा है। तब से कई ऐसे पक्षियों को देखा जा रहा है, जो कभी यहां दिखाई भी नहीं देता था। ऐसे पक्षी महीनों यहां प्रवास करने के उपरांत अन्यत्र चले जाता है,और दुबारा मखाना के इसी सीजन में वापस आने पर दिखाई पड़ता है। खासकर ऐसे पक्षी प्रखंड क्षेत्र के बलुआ पंचायत मे बहुतायत मात्रा में दिखाई पड़ता है।
















