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मिट्टी से लदा ट्रैक्टर की चपेट में आने से सात वर्षीय बालक की मौत, ग्रामीणों ने सड़क जाम किया

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कटिहार जिला के रोशना थाना क्षेत्र के गौरीपुर पंचायत स्थित खोजाटीहाट महादलित टोला के समीप सोमवार की संध्या लगभग पांच बजे एक दर्दनाक हादसे में गौरीपुर पंचायत के बस्ता गाँव के वार्ड संख्या नौ निवासी रूपचन्द्र साह के सात वर्षीय नवेश कुमार साह की मिट्टी से लदे ट्रैक्टर की चपेट में आने से मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। बालू से लदे तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने उसे कुचल दिया। हादसा उस वक्त हुआ जब नवेश कुमार साह सड़क पार कर रहा था। ट्रैक्टर की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। मासूम की चीख सुनकर आसपास के लोग दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
घटना की खबर फैलते ही गांव में गुस्सा भड़क गया। आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। रोशना पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। लोगों ने साफ कहा कि जब तक जिले के पुलिस अधीक्षक मौके पर नहीं पहुंचते, तब तक जाम नहीं हटेगा। सूचना मिलते ही रोशना,प्राणपुर और आजमनगर अमदाबाद, मुफस्सिल कटिहार दण्डखोरा कटिहार सदर डीएसपी वसीम फिरोज थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। अंचल अधिकारी मो. इश्माईल और राजस्व पदाधिकारी अजय कुमार सिंह, भी पहुंचे। अधिकारियों ने लोगों को समझाने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीण नहीं माने।
मौके पहुंचे सदर डीएसपी वसीम फिरोज के घटना स्थल पहुंचे स्थानीय ग्रामीणों को समझा बुझा कर मामले को शांति कराते हुए शव को अपने कब्जे लेते हुए पोस्टमार्टम कराने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं।
मृतक के परिजनों ने रोते हुए बताया कि नवेश उनके दो बेटों में सबसे छोटा था। उन्होंने आरोप लगाया कि बेटे की मौत खनन माफियाओं की वजह से हुई है। कहा कि प्रशासन की मिलीभगत से इलाके में अवैध बालू खनन और परिवहन धड़ल्ले से चल रहा है। ट्रैक्टर दिन-रात तेज रफ्तार से दौड़ते हैं। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय मुखिया प्रमोद कुमार सिंह ने रोशना पुलिस प्रशासन पर मिट्टी माफिया से तालमेल आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में भी अवैध मिट्टी खनन मामले को लेकर कई बार रोशना थाना प्रभारी को अवगत कराया गया है। उसके बाद भी थाना प्रभारी के द्वारा अवैध खनन पर अंकुश नहीं लगाया गया।
ग्रामीणों ने कहा कि महानंदा नदी से रोजाना ट्रैक्टरों से बालू भरकर पश्चिम बंगाल भेजा जाता है। इससे ग्रामीण रास्तों पर धूल और कण जमा हो जाते हैं। ट्रैक्टरों की तेज रफ्तार से हादसे की आशंका बनी रहती है।
घटना के बाद मृतक की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा टोला मातम में डूब गया है। इस हादसे ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। धीरे-धीरे प्राणपुर प्रखंड के अन्य पंचायतों से भी मुखिया और सामाजिक कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचने लगे। सामाजिक कार्यकर्ता लड्डू सिंह ने कहा कि यदि दोषी ट्रैक्टर चालक और खनन माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
समाचार लिखे जाने तक पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर मौजूद थे। ग्रामीणों से बातचीत जारी थी, लेकिन जाम खत्म नहीं हुआ था। पूरा इलाका ग़म और गुस्से में डूबा है। लोग प्रशासन से सख्त कार्रवाई और न्याय की मांग कर रहे हैं।

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