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आने वाली नस्लें दोनों सरकारों को…’ भारत से रिश्ते सुधारने के लिए बेचैन हुआ PAK, बिलावल भुट्टो ने क्या कहा?

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विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार दोपहर इस्लामाबाद पहुंचे। इसके बाद जयशंकर की रात को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से एससीओ प्रतिनिधियों के लिए आयोजित रात्रिभोज के दौरान भेंट हुई। दोनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाया और बहुत संक्षिप्त बातचीत की।

भारत ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि जयशंकर की यात्रा पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय रिश्ते सुधारने के उद्देश्य से नहीं है। इसके बावजूद पूर्व पीएम और सत्तारूढ़ पीएमएल-एन के मुखिया नवाज शरीफ, पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के साथ रिश्ते सुधारने के लिए बातचीत शुरू करने की बात कही है।

भारत के साथ बातचीत के लिए बेचैन हुआ पाकिस्तान
शहबाज सरकार की पूरी कोशिश है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय बैठक हो। वहीं, भारत ने दो टूक कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद पर नकेल नहीं कसता, तब कोई बातचीत नहीं होगी। भारत के साथ बातचीत के लिए शहबाज सरकार की बेचैनी का पता बिलावल भुट्टो एक बयान से चलता है।

उन्होंने कहा कि दोनों देश बातचीत करें वरना आने वाली नस्लें दोनों सरकारों को माफ नहीं करेंगी। बता दें कि बिलावल भुट्टो की पार्टी शहबाज सरकार के साथ गठबंधन में है।

बिलावल भुट्टो के अलावा पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने भी कहा है कि भारत जब चाहेगा तब हम बातचीत की टेबल पर आने के लिए तैयार हैं।

आज होगी एससीओ की बैठक
विदेश मंत्रालय की तरफ से जयशंकर की यात्रा को लेकर बयान में कहा गया है, ’ एससीओ के सदस्य देशों के प्रमुखों की 23वीं बैठक 16 अक्टूबर 2024 को होगी। सालाना तौर पर होने वाली इस बैठक में व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर चर्चा होती है।

विदेश मंत्री एस जयशंकर इसमें भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करेंगे। भारत एससीओ के तहत गठित विभिन्न व्यवस्थाओं में लगातार सक्रिय रहता है। स्वयं जयशंकर ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल पर यह जानकारी दी और पाकिस्तानी बच्चों की तरफ से गुलदस्ता स्वीकारते हुए फोटो शेयर की।

बता दें कि 9 सालों में यह पहली बार है कि भारत के विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की यात्रा की। पाकिस्तान जाने वाली आखिरी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज थीं।

‘हम पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं’
कुछ दिनों पहले एक सम्मेलन में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था,”किसी भी पड़ोसी की तरह भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा, लेकिन सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करने और इच्छाधारी सोच में लिप्त रहने से ऐसा नहीं हो सकता।”

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