जोगबनी स्थित रनिंग रूम में सबसे पहले राशन दिए जाने के बावजूद भी सबसे बाद में टिकट चेकिंग स्टाफ को खाना दिया जाता है।
गाड़ी समय से चलती है और उसके बाद भी सभी टिकट चेकिंग स्टाफ को सबसे अंतिम में खाना दिया जाता है।उसी ट्रेन में लोको पायलट, ट्रेन मैनेजर को पहले खाना दिया जाता है, वहीं साथ जाने वाले चेकिंग स्टाफ को खाना सबसे लास्ट में दिया जाता है जिससे उनका काफी परेशानी होती है और कई बार भूखा ही भागकर गाड़ी पकड़ना पड़ता है ।
टाइम पर राशन देने के बाद भी टिकट चेकिंग स्टाफ को भूखा रखा जाता है, यह कहां से न्याय संगत है ? जबकि रेलवे बोर्ड का आदेश है कि सभी रनिंग रूम में टिकट चेकिंग स्टाफ को खाने की सुविधा दी जानी है फिर भी समय पर खाना नहीं देना यह ठीकेदार की लापरवाही को दर्शाता है !
वहाँ पर शिकायत पुस्तिका में जब कोई शिकायत की जाती है तो उसपर किसी भी तरह की जाँच व उसका निदान नहीं किया जाता है और ठीकेदार मनमाना रूप से अपना काम करते हैं ! वहाँ कार्यरत राधेश्याम कमती हमेशा अनुपस्थित रहता है एवं मुकेश भी नहीं रहता है वह अपने ड्यूटी में नहीं रहता !
यूनियन के संज्ञान में यह भी आया है कि जोगबनी रनिग रूम में अनाधिकृत रूप से आदमी रह रहा है और पूछे जाने पर रेल अधिकारी पंकज अकेला के अनुमति से रहता हूँ ऐसा जवाब दिया जाता है जो की रेल प्रशासन के वयवस्था पर एक सवालिया निशान है , रनिंग रूम में नीचे दो रूम में नंबरिंग नहीं की गई गई जिसमे बाहरी लोग को रखा जाता है ,इसकी जल्द से जल्द जाच होनी चाहिए , उपरोक्त बातें वहाँ के सीसीटीवी कैमरा में मौजूद है इसकी जान होनी चाहिए , और जोगबनी से फ़ोर्बिसगंज जो गाड़ी चलती है उसका CA क्या है और इस गाड़ी की टेंडर किसके द्वारा की गई है यह भी रेल प्रशासन को अपने संज्ञान में लेना होगा !
एंप्लॉयीज यूनियन इसका घोर विरोध करती है और रेल प्रशासन से यह माँग करती है की रेलवे बोर्ड द्वारा जारी की गई नियमों का पालन होना चाहिए !
















