बोडर्डों में महिलाओं की भागीदारी कोबीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने सचिन पायलट को फर्जी नेता हनुमान बेनीवाल को चूहा वह नरेश मीणा को लंपट नेता बताया,
बेनीवाल पर भाजपा प्रदेश प्रभारी का बयान, चूहे को हम लोगों ने पालकर शेर बना दिया था, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी ने हनुमान बेनीवाल को बताया चूहा, भाजपा प्रदेश प्रभारी के इस चूहे वाले बयान के बाद आरएलपी कार्यकर्ताओं मैं भारी आक्रोश, बीजेपी के प्रदेश प्रभारी के इस बयान से घरमाई में सियासत, भी सुनिश्चित करने की भी बात कही
वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करने के लिए वक्फ विधेयक, 2024 पेश किया गया है। यह मुसलमानों के बीच विवाद और आलोचना का विषय बन गया है। यह विधेयक वक्फ बोर्डों के कार्यों में अधिक जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लाया गया है। साथ ही इन बोडर्डों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी को भी सुनिश्चित करने की भी बात कही गई है। विधेयक को विपक्षी दलों से भी आलोचना का सामना करना पड़ा है। इसके बाद सरकार को इसके लिए जॉइंट पार्लियामेंटरी कमिटी (JPC) से जांच कराने का निर्णय लेना पड़ा है। सरकार को NDA के सेकुलर घटक TDP और JD(U)का समर्थन प्राप्त हुआ है। इसके बाद यह विधेयक लोकसभा में पारित हुआ।
वक्फ इस्लामी कानून के तहत संपत्ति का स्थायी समर्पण है। इसके तहत आने वाली संपत्तियों का इस्तेमाल धार्मिक, पुण्य या चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए किया जाता है। यह संपत्ति न तो बेची जा सकती है और न ही स्थायी रूप से किराए पर दी जा सकती है। वक्फ का उद्देश्य समाज के विभिन्न हिस्सों की भलाई करना होता है।वक्फ संपत्तियां वह संपत्तियां हैं जो मुसलमानों द्वारा धार्मिक या चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए दान की जाती हैं। इनमें कृषि भूमि, इमारतें, मस्जिदें, मदरसे, दरगाहें, कब्रिस्तान, स्कूल, दुकानें और विभिन्न सामाजिक संस्थाएं शामिल होती हैं। भारत में हर राज्य में एक वक्फ बोर्ड होता है जो इन संपत्तियों के प्रबंधन का काम करता है। भारत में वक्फ बोर्ड के पास कितनी संपत्ति है? भारत में वक्फ बोर्डों के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि है। इन संपत्तियों का अनुमानित मूल्य 1.2 लाख करोड़ रुपये है। यह वक्फ बोर्ड को भारत का तीसरा सबसे बड़ा भूमि मालिक बनाता है। पहले स्थान पर भारतीय रेलवे और दूसरे स्थान पर सशस्त्र बल हैं।
















