रेलवे में आरक्षण टिकट की अवैध खरीद फरोख्त करने वाले दलालों के खिलाफ आरपीएफ काफी अलर्ट और सख्त है। इस क्रम में मुख्यालय मालीगांव से आई जी सह पीसीएससी के अरुल जोथी के निर्देश पर पूरे एन.एफ रेल में आरपीएफ द्वारा विशेष अभियान भी चलाया जा रहा है।
इस संबंध में कटिहार रेलमंडल के पीआरओ सह सीनियर डीसीएम धीरज चंद्र कलिता ने बताया कि वाणिज्य विभाग द्वारा भी रेलमंडल में अवैध टिकट की रोकथाम हेतु सख्त निर्देश दिए गए है। जिस दौरान आरपीएफ के अलावा वाणिज्य विभाग और एंटी फ्रॉड टीम के द्वारा भी इसपर सीसीटीवी कैमरा के अलावा विशेष रूप से नजर रखीं जा रही है। वही वाणिज्य विभाग द्वारा यात्रियों की सुविधा के मद्देनजर तत्काल के समय अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जिससे यात्री अपना तत्काल या अन्य आरक्षण आराम से कतारबद्ध तरीके से लें सके। वही आरपीएफ द्वारा रेलमंडल में पकड़े गए टिकट पर अवैध वसूली का ज्यादातर माममें में आईआरसीटीसी द्वारा ऑथराइज्ड प्राइवेट टिकट एजेंट की संलिप्ता पाई गई है। जिनके पास या तो आईआरसीटीसी का एजेंसी कोड होता है या उसका कोड एक्सपायर हो चुका होता है। जिनके द्वारा अपने बाहरी सहयोगी की मदद से अपने आईआरसीटीसी कोड पर टिकट नहीं बना कर अन्य फेक यूजर आई डी से टिकट बनाकर लोगों से मनमाना रकम वसूला जाता है। वहीं कुछ एक मामले में रेलवे कर्मचारी की भी संलिप्ता पाई गई है जिसपर जहां एकं और रेल प्रशासन विभागीय कार्यवाही कर रहा है तो दूसरी और उनके उपर रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट में मामला लंबित है। कटिहार रेलमंडल में
सीनियर डीसीएम श्री कलिता ने बताया कि कटिहार रेलमंडल में आरपीएफ की टीम काफी अच्छा कार्य कर रहा है। बीते 1.5.2024 से 20.11.2024 तक लगभग 6 महीने में रेलवे एक्ट की धारा 143 में कुल 23 केस अलग अलग आरपीएफ पोस्ट में हुए है जिसमें कुल 28 लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है और लगभग 8,27,424 रुपया का आरपीएफ ने टिकट भी बरामद किया है। वही वर्तमान में कई मामले रेलवे कोर्ट में लंबित है जबकि कई मामले में अभियुक्तों ने स्वेच्छा से अपना दोष स्वीकार कर लिया है जिस दौरान रेलवे मजिस्ट्रेट द्वारा उन्हें आर्थिक दंड की सजा दी गई है। जिस दौरान आरपीएफ ने कुछ रेलकर्मियों को भी इसमें संलिप्त रहने के कारण गिरफ्तार किया है जिनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही जारी है।
सीनियर डीसीएम धीरज चंद्र कलिता ने आम लोगों से अपील किया कि वे रेलवे की आरक्षण टिकट रेलवे के काउंटर अथवा आईआरसीटीसी के ऑथराइज एजेंट से ही निर्धारित कीमत अदा कर ले और यदि उन्हें कोई दिक्कत होती है अथवा कोई रेलकर्मी या एजेंट उनके ज्यादा रकम की मांग करता हैं तो तत्काल इसकी सूचना टोल फ्री नंबर पर या उनको या उनके कार्यालय में दे। जिससे रेल प्रशासन तत्काल उसपर कार्यवाही कर सकें क्योंकि रेलवे की टिकट की अवैध रूप से खरीद और फरोख्त करना कानूनी जुर्म है। जिसमें पकड़े जाने पर पकड़े गए व्यक्ति को न सिर्फ आर्थिक दंड की राशि अदा करनी पड़ेगी बल्कि जेल की भी हवा खानी पर सकती है। गोरतलब हैं कि कटिहार रेलमंडल यात्रियों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने की दिशा में शुरू से ही अग्रसर रहा है और यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के मामले में कभी भी कोई समझौता नहीं करता है।
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