केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान का वीडियो शेयर करने वाले कांग्रेस के नेता मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। दरअसल, कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेताओं को बुधवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स से अमित शाह के कुछ वीडियो क्लिप अपने हैंडल पर साझा करने के लिए नोटिस मिले हैं।
नोटिस में वीडियो हटाने को कहा
बताया जा रहा है कि नोटिस में उनके द्वारा साझा की गई सामग्री को हटाने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि यह भारत के कानून का उल्लंघन है। हालांकि, भेजे गए नोटिस पर एक्स या एमएचए के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से कोई पुष्टि नहीं हुई।
वैसे कांग्रेस को अपने नोटिस में एक्स ने यह भी उल्लेख किया है कि वह मंच के माध्यम से अपने उपयोगकर्ताओं की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में दृढ़ता से विश्वास करता है।
क्या है मामला?
कुछ कांग्रेस सांसदों और नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान की 75 गौरवशाली वर्षों की यात्रा पर बहस के जवाब का शाह का एक वीडियो क्लिप साझा किया था, जिसमें उन्होंने बीआर आंबेडकर के बारे में बात की थी और इसे लेकर विपक्ष पर हमला किया था। कांग्रेस नेताओं ने शाह के भाषण के कुछ विशेष अंश ही साझा किए। शाह ने कहा भी कि कांग्रेस नेता तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे हैं और राज्यसभा में आंबेडकर पर उनकी टिप्पणियों को पूरा दिखाना चाहिए।
अमित शाह का पलटवार
इससे पहले, कांग्रेस नेताओं के हमले पर शाह ने पलटवार किया। शाह ने बीती शाम प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संविधान पर चर्चा के दौरान भाजपा के वक्ताओं ने तथ्यों के साथ यह स्थापित कर दिया कि कांग्रेस संविधान, आंबेडकर, आरक्षण और सावरकर की विरोधी है। जब कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब नहीं बचा तो वह मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करके भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी ने किया शाह का बचाव
पीएम मोदी ने भी कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लिया। उन्होंने एक्स पर कई पोस्ट कर विपक्षी नेताओं को जवाब दिया। मोदी ने शाह का बचाव
करते हुए कहा कि कांग्रेस का दुर्भावनापूर्ण झूठ उसके बुरे कर्मों को छिपा नहीं सकता। डॉ. आंबेडकर की विरासत मिटाने और एससी-एसटी वर्ग को अपमानित करने के लिए कांग्रेस ने हरसंभव गंदी चाल चली।
मोदी ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के बुरे कर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं। हैं। दरअसल, कांग्रेस पार्टी और उसके कुछ नेताओं को बुधवार को इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स से अमित शाह के कुछ वीडियो क्लिप अपने हैंडल पर साझा करने के लिए नोटिस मिले हैं।
नोटिस में वीडियो हटाने को कहा
बताया जा रहा है कि नोटिस में उनके द्वारा साझा की गई सामग्री को हटाने के लिए कहा गया है। इसमें कहा गया है कि यह भारत के कानून का उल्लंघन है। हालांकि, भेजे गए नोटिस पर एक्स या एमएचए के साइबर अपराध समन्वय केंद्र से कोई पुष्टि नहीं हुई।
वैसे कांग्रेस को अपने नोटिस में एक्स ने यह भी उल्लेख किया है कि वह मंच के माध्यम से अपने उपयोगकर्ताओं की बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में दृढ़ता से विश्वास करता है।
क्या है मामला?
कुछ कांग्रेस सांसदों और नेताओं ने मंगलवार को राज्यसभा में संविधान की 75 गौरवशाली वर्षों की यात्रा पर बहस के जवाब का शाह का एक वीडियो क्लिप साझा किया था, जिसमें उन्होंने बीआर आंबेडकर के बारे में बात की थी और इसे लेकर विपक्ष पर हमला किया था। कांग्रेस नेताओं ने शाह के भाषण के कुछ विशेष अंश ही साझा किए। शाह ने कहा भी कि कांग्रेस नेता तथ्यों को तोड़-मरोड़ रहे हैं और राज्यसभा में आंबेडकर पर उनकी टिप्पणियों को पूरा दिखाना चाहिए।
अमित शाह का पलटवार
इससे पहले, कांग्रेस नेताओं के हमले पर शाह ने पलटवार किया। शाह ने बीती शाम प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि संविधान पर चर्चा के दौरान भाजपा के वक्ताओं ने तथ्यों के साथ यह स्थापित कर दिया कि कांग्रेस संविधान, आंबेडकर, आरक्षण और सावरकर की विरोधी है। जब कांग्रेस के पास इसका कोई जवाब नहीं बचा तो वह मेरे बयान को तोड़-मरोड़कर पेश करके भ्रांति फैलाने का प्रयास कर रही है।
पीएम मोदी ने किया शाह का बचाव
पीएम मोदी ने भी कांग्रेस नेताओं को आड़े हाथ लिया। उन्होंने एक्स पर कई पोस्ट कर विपक्षी नेताओं को जवाब दिया। मोदी ने शाह का बचाव करते हुए कहा कि कांग्रेस का दुर्भावनापूर्ण झूठ उसके बुरे कर्मों को छिपा नहीं सकता। डॉ. आंबेडकर की विरासत मिटाने और एससी-एसटी वर्ग को अपमानित करने के लिए कांग्रेस ने हरसंभव गंदी चाल चली।
मोदी ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस और उसका बेकार हो चुका तंत्र यह सोचता है कि उनके दुर्भावनापूर्ण झूठ उनके कई सालों के बुरे कर्मों खासकर डॉ. आंबेडकर के प्रति उनके अपमान को छिपा सकते हैं तो वे बहुत बड़ी गलतफहमी में हैं।