90 प्रतिशत अनुदान का भरोसा देकर कभी कोढ़ा प्रखंड के राजवाड़ा पंचायत के किसान ठाकुर प्रसाद सिंह को कृषि विभाग के तत्कालीन डी एच ओ (डिस्टिक हॉर्टिकल्चर ऑफिसर) ने उनके खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगवाने की पेशकश किया था। पहले तैयार नहीं होने के बावजूद बाद में किसी कृषि विभाग के वरीय अधिकारी के आग्रह पर किसान ठाकुर प्रसाद सिंह इसके लिए तैयार हो जाते हैं। और तब फिर संवेदक के माध्यम से उनके खेत में यह ड्रिप सिंचाई सिस्टम इंस्टॉल करवा दिया जाता है। लेकिन तब से लेकर अब तक लगभग 7 महीना बीत जाने के बाद भी ये सिस्टम उनके खेत मे लगे अमरूद के पेड़ तक पानी नहीं पहुंच पाया है। जिस कारण से अमरुद के पौधों को भारी नुकसान हुआ है। अब इसी से हताश परेशान होकर किसान इस ड्रिप सिंचाई सिस्टम को अपने खेत से हटवाना चाहते हैं। ताकि आगे उनकी खेती और बर्बाद न हो। बड़ी बात यह है,कि जिस अधिकारी ने अनुदान मिलने का भरोसा देकर यह सिस्टम उनके खेत में लगवाया था उनका ट्रांसफर पड़ोस के हीं जिला पूर्णिया में हो गया है। और अब वह उनके फोन तक नहीं उठाते हैं। दूसरी तरफ एक बार संवेदक ने उन्हें फोन कर धोखे में रखकर मोबाइल में आए हुए ओटीपी मांग कर ले लिया था। ऐसे में किसान ठाकुर प्रसाद सिंह को लगता है कि संवेदक अनुदान का वह राशि भी उठा लिया होगा और इसमें अधिकारी के साथ संवेदक की भी मिली भगत हो सकता है। अब किसान इस पर विभाग में शिकायत करने की बात कर रहे हैं।
किसान ठाकुर प्रसाद सिंह ने बताया कि करीब डेढ़ एकड़ के रकवा में अमरूद का खेती किए हैं। अमरूद के पौधे की जड़ में बूंद बूंद सिंचाई हेतु विभाग द्वारा 90 प्रतिशत अनुदान मिलने की बात कहकर ड्रिप सिंचाई प्रणाली सिस्टम लगाने की पेशकश की गई। काफी ना नुकुर करने के बाद हम तैयार हो जाते है। और अब करीब सात माह से ज्यादा का समय बीत गया है। लेकिन अब तक खेत में आधा अधूरा सिस्टम को लगाकर छोड़ दिया है। इस आधे अधूरे ड्रिप सिस्टम के कारण काफी क्षति का सामना करना पड़ा है। जबकि इस बीच कार्य करने की बात कहकर धोखे में रखकर मोबाइल पर आए ओटीपी भी मांगकर ले लिया है।
















