बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ के आह्वान पर कटिहार व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ द्वारा पूर्व निर्धारित ऐलान के तहत गुरुवार से अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल शुरू कर किया गया । जिस कारण पूरे व्यवहार न्यायालय में पूरी तरह से न्यायिक कार्य ठप रहा।
जिस दौरान न्यायिक कर्मियों द्वारा न्यायालय को ही नहीं खोला गया और सभी एकजुट होकर सिविल कोर्ट के प्रांगण में लगे बड़े से टेंट में बैठकर अपने मांगो के समर्थन में विरोध प्रदर्शन किया गया और सरकार के विरुद्ध जोरदार आवाज में
नारेबाजी भी किया गया।
वही व्यवहार न्यायालय अंतर्गत न्यायालय सहित सभी विभाग के कार्यालय बंद रहने के कारण दूर दराज से आए पक्षकारों को हड़ताल के करण खाली वापस लौटना पड़ा। जबकि रिमांड करने आई पुलिस भी कैदी को लेकर इधर-उधर घूमती नजर आई । जबकि कर्मचारीयो के अभाव न्यायाधीशगण भी न्यायिक कार्य करते नहीं दिखे और अधिवक्ताओं के कार्यालय में भी दिन भर मुवक्किल इधर उधर घूमते नजर आए और दूसरे पहर में न्यायालय में लगभग मुविक्कलो का सन्नाटा रहा।
इस संबंध में कर्मचारी संघ के पूर्व अध्यक्ष सह कार्यकारिणी पदाधिकारी नीरज कुमार की अध्यक्षता में न्यायिक कर्मचारियों ने अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को धरना प्रदर्शन पर बैठे रहे तथा अपनी मांगों को लेकर सरकार के विरोध में नारेबाजी करते रहे।
कार्यकारिणी पदाधिकारी नीरज कुमार ने बताया कि वर्तमान अध्यक्ष विजय मिश्रा एवं सचिव अविनाश कुमार इस हड़ताल को लेकर वार्ता के संबंध में पटना गए हुए हैं जबकि इस हड़ताल के संदर्भ में स्टेट और जिला संघ की तरफ से श्रीमान प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश कटिहार सहित जिला प्रशासन और बार एसोसिएशन को पूर्व में ही लिखित में सूचित कर दिया गया था।
संघ के अन्य पदाधिकारी अमितेश कुमार, सत्यजीत कुमार,
शहनाज परवीन, कुलदीप कुमार सिन्हा सहित कई कर्मचारियों ने कहा कि ये हड़ताल का संघ को कोई शौक नहीं है । संघ द्वारा ये फैसला मजबूरी में किया गया है। सरकार द्वारा लगातार न्यायिक कर्मचारियों का शोषण करते हुए उनको कई सुविधाओं से वर्षों से वंचित रखा गया है। जिससे जीवन यापन में उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के इस सौतेलापन व्यवहार के कारण आज वर्षों बाद एक बार फिर से सभी न्यायिक कर्मचारी एकजुट होकर अपने आवाज को शांतिपूर्ण ढंग से बुलंद करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रही है और उम्मीद कर रही है कि सरकार जल्द ही इस दिशा में उनके पक्ष में कोई ठोस निर्णय लेगी और जब तक सरकार का कोई फैसला नहीं आएगा उनका संघर्ष लगातार जारी रहेगा।
कर्मचारी संघ की महिला कार्यकारिणी पदाधिकारी सह वरिष्ठ महिला कर्मचारी शहनाज परवीन ने बताया कि कर्मचारी संघ की मुख्य चार मांगे हैं जिसमें वेतन विसंगति को जल्द दूर करने, सभी तृतीय और चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों का अविलंब प्रमोशन , अनुकंपा पर बहाली और विशेष न्यायिक कैडर को लागू करना उनकी मुख्य मांगे हैं ।
वही मिली जानकारी के अनुसार प्रधान जिला जज हेमन्त कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में एक न्यायिक टीम गुरुवार को कर्मचारी संघ के पास जाकर अनिश्चितकालीन कलम बंद हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों से हड़ताल को अविलंब खत्म करने का निवेदन भी किया पर कर्मचारीगण नहीं माने और अपनी मांगों पर अटल रहे।
बैठक में न्यायिक कर्मचारी नजीर ब्रह्मदेव मंडल, रंजीत कुमार सिंह , अजीत शुक्ला, आलोक कुमार, रमन कुमार पाठक, सत्यजीत कुमार, अमितेश कुमार, रमेश कुमार, रजनीश कुमार, उत्तम कुमार, मनीष कुमार, विशाल दयाल, प्रेम प्रकाश, मो फारूक , मो अंजार , अमरदीप आनंद, कुलदीप कुमार सिन्हा, शहनाज परवीन, प्रिया कुमारी , मोना कुमारी, नीतू कुमारी , बाबुल कुमार , सुनील कुमार , नासिर इसरार, कुंदन कुमार, मो अलाउद्दीन, रामप्रवेश कुमार , राकेश कुमार सिंह , नवीन कुमार, अनिल कुमार सिंह , कुनाल कुमार, रंजीत सिन्हा, दीपक चौरसिया, अजय कुमार, राजेश कुमार, आशीष टुडु, दीपक कुमार, आदित्य सहित महिला कर्मचारी के साथ सभी न्यायिक कर्मचारी मौजूद थे।
















