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दो माह पहले हुई शादी, ममता बनीं किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर, जानिए पूरी कहानी

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सात साल की उम्र से सनातन धर्म के प्रति रुझान रखने वाली दिल्ली से पोस्ट ग्रैजुएट ममता शादी के दो माह बाद ही किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बन गईं। ममता को सनातन धर्म को दुनियाभर में फैलाने के लिए अपने पति संदीप वशिष्ठ और ससुराल वालों समेत परिवार का पूरा सहयोग मिल रहा है। महाकुंभ मेला 2025 के दौरान कई साधु-संतों की कहानियां देश-दुनिया के सामने आ रही हैं। अब ममता की कहानी ने हर किसी का ध्यान अपनी तरफ खींचा हैं। शादी के बाद जब उन्होंने सनातन के लिए काम करने की इच्छा ससुराल वालों के सामने रखी तो हर किसी ने उसका सहयेाग दिया। अब वह महामंडलेश्वर बन गई हैं।

ममता जब 15 साल की थीं, तभी से उन्होंने वेद, पुराण, श्रीरामचरितमानस और श्रीमद्भगवद्गीता समेत धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना और सुनाना शुरू कर दिया था। वह अलग-अलग राज्यों में राम कथा, वेद पाठ और अन्य धार्मिक प्रवचन कर चुकी हैं। पिछले साल नवंबर में उनकी शादी दिल्ली के संदीप वशिष्ठ से हुई थी। शादी के बाद उन्होंने अपने मन के भावों को ससुराल पक्ष के सामने रखा।

संदीप और उनके माता-पिता को जब पता चला कि ममता सनातन धर्म का प्रचार करना चाहती हैं, तो उन्होंने उनका पूरा सहयोग किया। करीब छह साल पहले ममता किन्नर के महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरि धूलिया के संपर्क में आईं। यह महसूस करते हुए कि किन्नर अखाड़ा सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में पूरी तरह से शामिल है, उन्होंने तुरंत इसमें शामिल होने का फैसला किया।

किन्नर अखाड़े की नवनियुक्त महामंडलेश्वर स्वामी ममतानंद गिरि ने कहा कि मैंने किन्नर अखाड़े में शामिल होने का फैसला किया, जिसका मार्गदर्शन हमारे गुरु महामंडलेश्वर स्वामी पार्वती नंद गिरि ने किया, क्योंकि यह अखाड़ा दुनिया भर में सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि उन्होंने छह साल में किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज से बहुत कुछ सीखा है।

स्वामी ममतानंद गिरि ने कहा कि अब स्वामी पार्वती नंद गिरि की प्रेरणा से उनका भी लक्ष्य सनातन धर्म की ज्योति को और अधिक प्रज्वलित करना है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार, ससुराल वाले और पति उनका पूरा साथ दे रहे हैं। लोग सनातन धर्म और संस्कृति के बारे में ज्यादा नहीं जानते। उन्हें सनातन संस्कृति के बारे में बताने की सख्त जरूरत है।

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