महाकुंभ-2025 में मंगलवार की देर रात हुए भगदड़ ने सुरक्षा-प्रबंधों को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय किया है। वहीं हादसे में जान गंवाने वालों के स्वजन को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा भी सीएम योगी ने की है।
महाकुंभ-2025 में मौनी अमावस्या स्नान पर्व से पूर्व मंगलवार की देर रात भगदड़ मच गई। इस घटना ने सुरक्षा-प्रबंधों को लेकर बड़े सवाल खड़े किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लेते हुए घटना की न्यायिक जांच कराने का निर्णय किया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति हर्ष कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच आयोग गठित किया गया है, जिसमें पूर्व पुलिस महानिदेशक वीके गुप्ता व पूर्व आइएएस अधिकारी डीके सिंह बतौर सदस्य शामिल हैं। आयोग एक माह में अपनी जांच रिपोर्ट शासन को सौंपेगा।
पीड़ित परिजनों को 25-25 लाख देगी सरकार
आयोग का मुख्यालय लखनऊ में होगा। घटना की पुलिस जांच भी होगी। मुख्यमंत्री ने हादसे में जान गंवाने वालों के स्वजन को 25-25 लाख रुपये आर्थिक सहायता प्रदान किए जाने की घोषणा की है। सीएम योगी ने कहा कि भारी भीड़ व बैरीकेड्स टूटने से यह दुखद हादसा हुआ है। ये घटना एक सबक भी है।
हादसे की तह तक जाने का सीएम ने लिया निर्णय
सीएम ने कहा कि कई बार समीक्षा व स्थानीय स्तर पर सतर्कता बरते जाने के बाद भी ऐसे हादसे होते हैं और हुए हैं। सरकार ने इसकी तह तक जाने का निर्णय लिया है। इसके दृष्टिगत ही न्यायिक जांच आयोग गठित किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले स्नान पर्वों पर और कड़े सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित कराने के लिए मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह व डीजीपी प्रशांत कुमार गुरुवार को प्रयागराज जाएंगे।
घटना की समीक्षा कर सीएम योगी को सौंपेंगे रिपोर्ट
दोनों घटना हालात का जायजा लेंगे और घटना की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट देंगे। संगम तट पर हुए हादसे के बाद योगी ने बुधवार सुबह चार बजे ही मुख्य सचिव, डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को अपने सरकारी आवास पर बुलाकर घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
पूरे दिन चलीं बैठकें
इसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पूरे दिन बैठकें चलती रहीं। मुख्यमंत्री कंट्रोल रूम, मुख्य सचिव कंट्रोल रूम व डीजीपी मुख्यालय कंट्रोल रूम के माध्यम से मॉनीटरिंग भी की जाती रही। एक-एक घटना को लेकर प्रशासन, संतों व विभिन्न अखाड़ों से संवाद बनाए रखा गया।
इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि घटना की पुलिस जांच भी कराई जाएगी। आखिर हादसा किन कारणों से हुआ, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने को लेकर तैयारी पहले से की गई थी। कहा कि बुधवार को कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर मुस्तैद थे। दूसरी ओर प्रयागराज से अयोध्या-काशी जाने वाले मार्गों पर यातायात प्रबंधन की बड़ी चुनौती को देखते हुए भी वरिष्ठ अधिकारियों को खुद इसकी मॉनीटरिंग करने के लिए कहा गया है।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अलावा 30 जनवरी को क्या खास होता है, जानिए इतिहासहादसे की तह तक जाना जरूरी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में बुधवार को आठ करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का दबाव था। पड़ोस के जिलों मीरजापुर, भदोही, प्रतापगढ़, फतेहपुर व कौशांबी में भी होल्डिंग एरिया बनाकर श्रद्धालुओं को रोका गया था, जिन्हें अखाड़ों का अमृत स्नान संपन्न होने के बाद आगे भेजा गया।
रेलवे स्टेशनों पर भी लगातार दबाव बना रहा। रेलवे ने भी इस दौरान नियमित व मेला स्पेशल मिलाकर 300 से अधिक ट्रेन चलाई हैं। उप्र परिवहन निगम ने भी 800 से अधिक बसें संचालित की हैं। यह सभी घटनाएं मर्माहत करने वाली भी हैं और एक सबक भी हैं। हादसे के तक में जाने की आवश्यकता है।