दिल्ली में चुनावी सरगर्मियां चरम पर हैं, सत्तारूढ़ आप के साथ ही भाजपा और कांग्रेस चुनाव में बढ़त बनाने के लिए जी-जान से लगे हैं। आप पिछले दस वर्षों में दिल्ली में कराए गए कामकाज के दम पर चुनाव लड़ने का दावा कर रही है, वहीं उसकी ओर से कई नई घोषणाएं भी की गई हैं।
राष्ट्रीय राजधानी के इस चुनाव में चौथी बार सत्ता हासिल करने के लिए आप की रणनीति क्या है, कहां चुनौतियां हैं और पार्टी इनसे कैसे पार पाएगी, इन्हीं विषयों पर मुख्यमंत्री आतिशी से दैनिक जागरण के वीके शुक्ला ने विस्तृत बातचीत की। प्रस्तुत हैं इस बातचीत के प्रमुख अंश…
इस दिल्ली चुनाव को आम आदमी पार्टी कितना चुनौती पूर्ण मानती है और इसके लिए क्या-क्या तैयारी कर रही है?
हर चुनाव चुनौती पूर्ण होता है हमारी जो मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। उनके पास सारे संसाधन हैं, उनके पास सीबीआई, ईडी, दिल्ली पुलिस और आयकर है। चुनाव आयोग उनके साथ है। हर तरीके का पावर है उनके पास। हमारे पास कुछ नहीं है। हमारे पास एक छोटी सी पार्टी है।
यह बात सच है भाजपा चुनाव में बहुत पैसा खर्च कर रही है हमारे पास टीवी में ऐड चलाने के लिए पैसे नहीं है। मगर जनता हमारे साथ है। आज भाजपा किस मुंह से बात कर रही है। जबकि उसकी स्थिति आज यह हो गई है कि उसके बड़े नेता यहां तक कि प्रदेश अध्यक्ष भी चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के पास सीएम चेहरा तक नहीं है।
भाजपा एक बात बार-बार प्रचारित कर रही है कि चुनाव जीतने के बाद भी अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे, ऐसा कोर्ट का निर्देश है, आपका क्या कहना है?
अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने की बात है तो यह भाजपा गलत आरोप लगा रही है। सभी ने देखा है दिल्ली में पिछले 10 साल में किस तरीके का माहौल रहा। इस माहौल में इस पाबंदियों में भी हमने काम करके दिखाया है तो आम आदमी पार्टी तो पाबंदियों में भी काम कर लेती है।
जहां तक अरविंद केजरीवाल के मुख्यमंत्री बनने की बात है तो यह कानूनी है जो आदमी चुनाव लड़ सकता है वह मुख्यमंत्री भी बन सकता है भारतीय जनता पार्टी गलत अफवाह फैला रही है।आपको ध्यान होगा अरविंद केजरीवाल जब जेल में थे तो उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए अदालत में कई याचिकाएं आई थीं लेकिन हाईकोर्ट ने साफ कहा कि ऐसा नहीं किया जा सकता है।
आप दिल्ली की मुख्यमंत्री हैं, मुख्यमंत्री होने के दौरान अपने क्या-क्या सीखा है?
हंसते हुए… हमने यह सीखा है की जो फैसला मंत्रियों और मुख्यमंत्री द्वारा लिए जाते हैं, हमने यह देखा है कि मंत्री या एक मुख्यमंत्री के यहां जो फैसले लिए जाते हैं। उनमें और जनता की जरूरत में काफी अंतर होता है। मेरा मानना है अगर मुख्यमंत्री या मंत्री जो फैसला लेते हैं।
अगर वह जनता के बीच नहीं जाएंगे, अपनी योजनाओं को फीडबैक लेकर नहीं बनाएंगे तो जनता से बात नहीं करेंगे तो उन योजनाओं का जनता को वास्तविक लाभ नहीं मिल पाएगा हम लोगों ने जो काम किए हैं जनता से पूछ कर किए हैं जनता से बात करके किए हैं जनता की राय लेकर के किए हैं।
इस चुनाव में मुद्दों पर बात कम हो रही है, आरोप प्रत्याराेप अधिक हो रहे हैं, ऐसा क्यों है?
भाजपा सिर्फ और सिर्फ गाली गलौज करके चुनाव जीतना चाह रही है, उसके बाद कोई मुद्दे नहीं है, हम पूछते हैं पिछले 10 साल में भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली के विकास में क्या किया, हम कहते हैं कि हम अपने पिछले 10 साल में कराये गए विकास कार्यों की लिस्ट लेकर आते हैं।
भाजपा भी लेकर आए, मगर उनकाे बात नहीं करनी है उन्होंने चुनाव में सिर्फ और सिर्फ गाली गलोज करना है। अरविंद केजरीवाल को गाली देना है, आप नेताओं को गाली देना है, बार-बार प्रेस वार्ता बुलाकर के दिन भर भाजपा में यही काम चलता है जनता सब देख रही है।