कटिहार जिला के कोढा प्रखंड के खेरिया पंचायत की होनहार छात्रा श्वेता कुमारी ने इंटरमीडिएट परीक्षा में आर्ट्स संकाय से 453 अंक प्राप्त कर 90.6%जिले में पहला स्थान हासिल किया। उनकी इस सफलता से परिवार, शिक्षकों और पूरे गांव में हर्ष का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटकर और ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया।
शिक्षक बनकर समाज की सेवा करना चाहती हैं श्वेता
श्वेता कुमारी ने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा, मेरी सफलता में सबसे बड़ा योगदान मेरे माता-पिता और शिक्षकों का है। मैं आगे पढ़ाई कर एक शिक्षक बनना चाहती हूं, ताकि समाज में शिक्षा का प्रसार कर सकूं। खासकर उन गरीब और वंचित बच्चों की मदद करना चाहती हूं, जिन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाता।
विद्यालय के प्रधानाध्यापक बिनोद कुमार ने भी श्वेता की सफलता पर खुशी जाहिर करते हुए कहा, वह शुरू से ही मेधावी छात्रा थी। मैट्रिक परीक्षा में भी उसने 448 अंक प्राप्त कर गांव का नाम रोशन किया था। अब इंटर में 453 अंक लाकर जिले में टॉप किया है। उसकी सफलता से पूरे विद्यालय को गर्व है।
सुमित ने साइंस में किया कमाल, अब अच्छे विश्वविद्यालय से करेंगे आगे की पढ़ाई
खगड़िया जिले के रहने वाले सुमित कुमार ने इंटरमीडिएट में साइंस संकाय से 456 अंक प्राप्त कर 91.2% जिले में तीसरा स्थान हासिल किया है। उनके पिता राम शरण कुमार कोढा प्रखंड के खेरिया जीविका में एमआरपी के पद पर कार्यरत हैं। सुमित ने मैट्रिक की पढ़ाई खेरिया उत्क्रमित मध्य विद्यालय से की थी, जहां उन्होंने 396 अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान हासिल किया था। इसके बाद कोढा इंटर कॉलेज से साइंस की पढ़ाई कर यह सफलता अर्जित की।
अच्छे विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई करेंगे सुमित
सुमित ने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और शिक्षकों को दिया। उन्होंने कहा, “मेरी इस उपलब्धि में सबसे बड़ा योगदान मेरे माता-पिता और शिक्षकों का रहा। विद्यालय में सभी विषयों की अच्छी पढ़ाई होती थी और वहां लैब की भी बेहतर सुविधा थी, जिससे हमें प्रयोगात्मक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिली। अब मेरा सपना है कि मैं किसी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से आगे की पढ़ाई करूं और विज्ञान के क्षेत्र में कुछ बड़ा हासिल करूं।”
गांव में खुशी की लहर, ग्रामीणों ने मनाया जश्न
श्वेता और सुमित की इस उपलब्धि से उनके परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे गांव में उत्साह का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाइयां बांटी और एक-दूसरे को बधाई दी।
श्वेता और सुमित की यह सफलता साबित करती है कि अगर सही मार्गदर्शन और मेहनत हो, तो ग्रामीण क्षेत्र के छात्र भी बड़ी उपलब्धि हासिल कर सकते हैं।
















