कटिहार जिला के बारसोई में सावन माह के पहले सोमवार को शिवालयों में भक्तों की खासी भीड़ उमड़ी। हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सुख-समृद्धि की कामना की। वही नर्मदेश्वर शिव मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर और बूढ़ानाथ शिव मंदिर बारसोई में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं ने गंगाजल, दूध, दही से जलाभिषेक कर बेलपत्र, चावल व पुष्प से भगवान शिव की पूजा की।*
*भगवान शिव को प्रिय श्रावण मास*
*श्रावण मास व शिव का भारतीय संस्कृति से गहरा मेल है। श्रावण के आते ही शिव भक्तों में पूजा अर्चना के लिए नई उमंग का संचार हो जाता है। शास्त्रों और पुराणों का कहना है कि श्रावण मास भोले बाबा को अत्यंत प्रिय है। इस माह में शिव अर्चना के लिए प्रमुख सामग्री बेलपत्र और धतूरा सहज सुलभ हो जाता है। शिव ऐसे देवता हैं जिनकी पूजा-अर्चना की सामग्री के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होती। अगर कोई सामग्री उपलब्ध न हो तो जल ही काफी है। भक्ति भाव के साथ जल अर्पित कीजिए और भगवान शिव प्रसन्न।
जल चढ़ाओ और जो चाहे मांग लो
*श्रावण मास में भगवान शंकर की पूजा का विशेष महत्व है। सोमवार भोले बाबा का प्रिय दिन माना जाता है। इसलिए श्रावण मास के सोमवार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस महीने प्रत्येक सोमवार भगवान शिव का व्रत करने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। इस महीने में लघुरुद्र, महारुद्र या अतिरुद्र पाठ को कर हर सोमवार शिव का व्रत करना चाहिए।*