कटिहार जिला बारसोई के आंगनबाड़ी केंद्रों की हालत खस्ता है। कहीं बच्चे तो कहीं सेविका नदारत, कहीं लटके मिले ताले। अधिकारियों की लापरवाही के कारण केंद्र कागज पर ही संचालित किए जा रहे हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चे तो नामांकित हैं, मगर उनकी उपस्थिति न के बराबर है। प्रखंड और नगर पंचायत बारसोई के आंगनबाड़ी केंद्रों के हालात एक जैसे हैं। ना कोई हकीकत देखने वाला है और ना ही इन पर कोई कार्रवाई करने वाला। बारसोई प्रखंड के कई पंचायत का कई मामले सामने आए।
चापाखोर पंचायत के वार्ड नंबर 13 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 314 में एक भी बच्चा नहीं था और सेविका आंगनबाड़ी से नदारत थी। वही उनके पति आंगनबाड़ी केंद्र में मोबाइल से गाना सुनते नजर आए। जब उनसे पूछा गया कि आप कौन हैं तो उन्होंने बताया कि मैं सेविका पति हूं।इसी पंचायत के वार्ड नंबर 11 मे स्थित आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 195 में सेविका कुर्सी पर बैठकर मोबाइल देख रही है और एक बच्ची पंखा डोला रही है। मात्र दो-तीन बच्ची ही आंगनवाड़ी में उपस्थित है।केंद्र संख्या 146 ,170 और345 में ताला लटका हुआ था । और केदो की बात करें तो 134, 159 253 259 कहीं सेविका नदारत थी तो कहीं बच्चे।वही इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि भगवान भरोसे चल रहा है आंगनबाड़ी केंद्र, सरकार की योजनाओं का लाभ हमारे बच्चे को नहीं मिलता है। कभी-कभी केंद्र खुलते हैं । सीडीपीओ की मिली भगत के कारण केंद्र सही तरीके से संचालित नहीं होते हैं तथा सरकार की योजनाओं का लाभ से हम लोग वंचित हैं ।
















