कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि इस प्रतिबद्धता के तहत, सितंबर 2024 के दौरान लामडिंग-फरकाटिंग सेक्शन में कुल 17 में से 09 समपार फाटकों में रबरयुक्त सतह बनाई गई है। आधुनिकीकरण की यह पहल नवंबर और दिसंबर 2024 तक शेष फाटकों पर भी की जाएगी। इस परियोजना (09 समपार फाटकों की रबरयुक्त सतह) पर कुल 81 लाख रुपये की लागत आयी है, जिसमें प्रति समपार फाटक 9 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। यह पहल सड़क उपयोगकर्ताओं और रेलवे परिचालन के लिए संरक्षा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। रबरयुक्त सतह पेवर ब्लॉक लगाने की पुरानी विधि की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है। स्थापन प्रक्रिया त्वरित और कुशल है, पैनल बिछाने के लिए केवल दो घंटे का समय लगता है और स्थापन के बाद 30 कि.मी.घंटा की गति सीमा केवल दो से तीन घंटे के लिए आवश्यक होती है। यह पटरियों के बीच एक बेहतर सड़क की सतह और दोनों तरफ एक मीटर की दूरी भी सुनिश्चित करता है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं को बेहतर सवारी का अनुभव मिलता है। चेक रेल के हटाने से समपार की संरक्षा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, क्योंकि चेक रेल के टूटने और बार-बार गैप एडजस्टमेंट की आवश्यकता जैसे जोखिम दूर हो जाते हैं। इसके अलावा, रखरखाव की आवश्यकताएँ कम हो जाती हैं क्योंकि रेत और पेवर ब्लॉक की अनुपस्थिति केक बलास्ट के निर्माण को रोकती है। यह महत्वपूर्ण ट्रैक घटकों जैसे इलास्टिक रेल क्लिप (ईआरसी), जीआर पैड और लाइनर की सर्विस लाइफ को बढ़ाता है। अनुरक्षण संचालन भी सरल हो जाता है क्योंकि रबरयुक्त सतह मशीन टैम्पिंग जैसी गतिविधियों के दौरान ट्रैक को आसानी से खोलने के योग्य बनाती है। यह पहल, समपारों पर सुरक्षित और सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने के लिए आधुनिक तकनीक को अपनाने के पू. सी. रेलवे के प्रयासों का प्रमाण है, जिससे सड़क उपयोगकर्ताओं और रेलवे परिचालन दोनों को लाभ होगा। लामडिंग-फरकाटिंग सेक्शन के नौ फाटक में यह व्यवस्था पहले ही हो चुकी हैं, शेष आठ फाटकों में यह होने के बाद संरक्षा और परिचालन दक्षता को और भी मजबूती मिलेगी। पू. सी. रेलवे ऐसे अभिनव समाधानों को लागू करने के लिए समर्पित है जो संरक्षा को बढ़ाते हैं और अपने यात्रियों एवं स्टेकधारकों के लिए एक निर्बाध सुविधा प्रदान करते हैं।
Home #indian railway#katihar rail संरक्षा बढ़ोतरी हेतु पू. सी. रेलवे द्वारा समपार फाटकों में रबरयुक्त सतह...