Home #katihar एक बार फिर आगामी 1 नवंबर से बदल जाएगा रेलवे में पूर्व...

एक बार फिर आगामी 1 नवंबर से बदल जाएगा रेलवे में पूर्व आरक्षण का नियम, यात्रियों में हर्ष

39
0

रेलयात्रियों के लिए एक बार फिर से एक अच्छी खबर आई है। रेलवे ने वेटिंग टिकट के नियम में बदलाव किया है। अब आप एक बार फिर से 120 दिन के बजाय 60 दिन पहले ही अपना टिकट बुक करा सकते हैं। इस संबंध में मालेगांव के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने ने जानकारी देते हुए बताया कि रेल मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक अब एडवांस रिजर्वेशन की समय सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन (यात्रा की तारीख को छोड़कर) कर दी गई है। अब यात्री अपना आरक्षण फिर से 120 के बजाय 60 दिन पहले ही बुक करा सकते हैं। यह नई व्यवस्था भारतीय रेल में आगामी 1 नवंबर से लागू होगी । रेलवे में अग्रिम आरक्षण अवधि में समय-समय पर बदलाव हुए हैं। अग्रिम आरक्षण अवधि पूर्व में 30 दिन से लेकर 120 दिन तक रही है। विभिन्न अवधियों के अनूभव के आधार पर, 60 दिन की अग्रिम आरक्षण अवधि को यात्री दृष्टिकोण से सर्वोत्तम अवधि माना गया है। जो कि इस तालिका से स्पष्ट है। अवधि अप्रैल 1981 से जनवरी, 1985 तक 120 दिन , 1.02.1985 से 31.08.1988 तक 90 दिन , 01.09.1988 से 30.09.1993 तक 60 दिन , 1.10.1993 से 30.06.1995 तक 45 दिन , 01.09.1995 से 31.01.1998 तक 30 दिन , 01.02.1998 से 28.02.2007 तक 60 दिन ,01.03.2007 से 14.07.2007 तक 90 दिन ,15.07.2007 से 31.01.2008 तक 60 दिन, 01.02.2008 से 09.03.2012 तक 90 दिन , 10.03.2012 से 30.04.2013 तक 120 दिन ,01.05.2013 से 31.03.2015 तक 60 दिन और 1.04.2015 से 31.10.2024 तक 120 दिन की अवधि में पूर्व आरक्षण भारतीय रेल में रहा है। वही 60 दिन की आरक्षण की अवधि के कई लाभ है। 120 दिन की अवधि, यात्रा योजना बनाने के लिए काफी लंबी थी, जिसके कारण यात्रियों के यात्रा पर न करने के कारण बहुत अधिक संख्या में टिकटों का निरस्तीकरण किया जाता था।जिससे काफी संख्या में ट्रेन में सीट खाली रह जाती थी । वर्तमान में, टिकटों का निरस्तीकरण लगभग 21 प्रतिशत है तथा यात्रा पर नहीं आने वाले यात्रियों की संख्या 4-5 प्रतिशत है। वही कई मामलों में यह भी देखा गया है कि यात्री अपनी टिकटें रद्द नहीं करते हैं और यात्रा पर भी नहीं आते हैं और इससे अवैध लेनदेन तथा धोखाधड़ी जैसे कि नकली पहचान आदि के मामले सामने आती थी। पर अब इसे रोका जा सकता है।
वही लंबी अवधि के कारण, कुछ लोगों द्वारा टिकट ब्लॉक करने की संभावना अधिक थी। अब छोटी अवधि के कारण वास्तविक यात्रियों द्वारा ही ज्यादा टिकट खरीदा जाएगा । इससे टिकटों का निरस्तीकरण में भी कमी आयेगी। जिससे मांग को बेहतर तरीके से समझा जा सकेगा और उसके अनुरूप रेलवे पहले से अधिक स्पेशल ट्रेन चलाने की योजना बना सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here