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चित्रगुप्त पूजा सौल्लास सम्पन्न, दृश्य गीत का मोबाइल द्वारा हुआ लोकार्पण

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कटिहार जिला के गौरवशाली मंदिरों में से एक कायस्थों की कुल देवता भगवान चित्रगुप्त का संगमरमर की स्थापित मूर्ति न्यू मार्केट स्थित हाई स्कूल पाड़ा में है । जहाँँ आज भगवान चित्रगुप्त की पूजा के लिए समाज के सभी वर्गों के द्वारा पूजा अर्चना की गई । इस पूजा अर्चना के साथ ही पूजा सौल्लास संपन्न हुआ । इस अवसर पर शहर के सभी बुद्धिजीवी विद्वान एवं कलम से कार्य करने वाले सभी लोग उपस्थित हुए । इस अवसर पर पूजा अर्चना पारंपरिक विधि से की गई और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ । इस अवसर पर ई० रंजीत प्रसाद द्वारा भगवान चित्रगुप्त पर दृश्य गीत का लोकार्पण हुआ । इस दृश्य गीत के माध्यम से भगवान चित्रगुप्त की महिमा को फिल्माया गया है । बुद्धिजीवी समाज को गीत समर्पित करते हुए रंजीत प्रसाद ने कहा कि यह पूजा लेखाकार, व्यवसायी और ज्ञान साधक समुदाय द्वारा भगवान चित्रगुप्त की आराधना के रूप में की जाती है, जो धर्म के लेखांकन और न्याय के देवता माने जाते हैं। वहीं इस पूजा का उद्देश्य यह है कि हम अपने जीवन के कार्यों को सत्यनिष्ठा और न्यायपूर्ण तरीके से कर सकें और समाज में समृद्धि, सत्य और धर्म का संचार कर सकें।
वहीं प्रोफेसर एस.एन.कर्ण ने कहा कि आज शिक्षा की जरूरत सभी वर्गों में है । शिक्षा के आलोक से हमें भारत को मजबूत बनाना है , इसलिए कलम के महत्व को समझना होगा ।
इस अवसर पर पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने अपने संदेश में कहा कि चित्रगुप्त महाराज भारत और नेपाल की हिंदू कायस्थ जाति के जनक अधिकारी भी माने जाते हैं । इस अवसर पर पूर्व मंत्री डॉ राम प्रकाश महतो ने कहा कि इस पूजा-अर्चना में बुद्धिजीवी जाति एवं वर्ग लोग पूजा अर्चना कर भूले भटके गलतियों हेतु क्षमा मांगते हैं और नई कलम से पुनः अपने कार्य को प्रारंभ करते हैं ।
इस अवसर विधान पार्षद अशोक अग्रवाल , अधिवक्ता रूपेश कुमार , नीतेश कुमार, सुमित वर्मा, डॉ. सुधीर, डॉ. पी.सी.दास, डा अजय कुमार, अवधेश वर्मा, मनीष घोष उर्फ बिट्टू घोष , धन्न्जय कुमार , जदयू नेता आलोक वर्मा , भाजजपो नेता अंजनी सिंह उपस्थित थे । चित्रगुप्त मंदिर के संस्थापक सदस्य विकास कुमार सिन्हा ने बताया कि जगतपिता ब्रह्मा जी के अंश, ज्ञान के अधिष्ठाता देवता , मानव जाति के कर्मों का लेखा-जोखा रखने वाले लेखनी के आराध्य देव भगवान चित्रगुप्त जी की कृपा से सभी को समृद्धि और आरोग्यता की प्राप्ति हो । अधिवक्ता रामानंद सिन्हा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन जहां भाई दूज का पर्व मनाया जाता है । वहीं दूसरी ओर चित्रगु्प्त पूजा भी की जाती है । इस दिन कलम और दवात की पूजा का भी विधान है ।  इतना ही नहीं, इस दिन बहीखातों की पूजा भी की जाती है । चित्रगुप्त भगवान को यमराज का सहयोगी माना जाता है । मान्यता है कि चित्रगुप्त सभी प्राणियों के अच्छे-बुरे कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं. वहीं, कायस्थ लोगों के इस्ट देवता के रूप में भी चित्रगुप्त भगवान को पूजा जाता है । सनातन संरक्षण संस्कृति के विनय भूषण ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त एक प्रमुख हिंदू देवता है । मिथकों और पुराणों के अनुसार धर्मराज चित्रगुप्त अपने दरबार में मनुष्यों के पाप पुण्य का लेखा जोखा करके न्याय करने वाले बताए गए हैं ,
    वही जीकेसी के प्रदेश उपाध्यक्ष जयंत मलिक ने कहा कि चित्रगुप्त भगवान सृष्टि के प्रथम न्यायाधीश हैं । उन्हें न्याय का देवता माना जाता है । मनुष्यों की मृत्यु के पश्चात पृथ्वी पर उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उनके लिए स्वर्ग या नरक का निर्णय लेने का अधिकार भगवान श्री चित्रगुप्त के पास है ।

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