मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 9 नवंबर को खैर में उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्र दिलेर के समर्थन में जनसभा को संबोधित किया। योगी ने कांग्रेस, बसपा और सपा पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि सपा की पहचान लाल टोपी-काले काम की है। इनके कार्यकाल में हमारी मां-बेटियां सुरक्षित नहीं रहीं।
योगी ने कहा कि अलीगढ़ संत हरिदास की साधना से पवित्र हुई भूमि है, इसलिए यहां से एकजुटता का संदेश जाना चाहिए। यदि बंटेंगे तो कटेंगे, एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे। हमारे बंट जाने का ही कारण था कि अयोध्या, मथुरा और काशी में दुर्दशा हुई। हमें गांधारी की तरह आंखों पर पट्टी बांधकर नहीं बैठना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा, कांग्रेस और बसपा समाज को बांटने का कार्य कर रहे हैं। ये लोग राष्ट्र का विकास नहीं चाहते हैं। आपको बांटने वाले आपके दुश्मन हैं। जिस तरह कांग्रेस ने खटाखट का नारा लगाया था उसी तरह आपको ऐसे लोगों को सफाचट कर देना है।
चुनावी सभा के दौरान जैसे ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंच पर पहुंचे, सामने बैठे भाजपा कार्यकर्ता उत्साहित होकर नाम लेकर नारेबाजी करने लगे। इतना ही नहीं उन्होंने जय श्री राम, भारत माता के जयकारे भी लगाए। फिर हाथ में लगे झंडे, बैनरों को लहराना शुरू कर दिया। सीएम योगी ने भी जनता का हाथ हिलाकर अभिवादन स्वीकार किया।
मंच पर आगे बैठने के लिए उलझे भाजपा नेता
मंच पर अग्रिम पंक्ति में कुर्सी पर बैठने को लेकर भाजपा नेता आपस में ही उलझते नजर आए। यहां तक कि सांसद सतीश गाैतम ने शहर विधायक को अपनी कुर्सी पर बैठने पर उन्हें दूसरी कुर्सी पर जाने को कह दिया।
नारेबाजी से पैदा हुए टकराव के हालत
मंच के सामने बैठे कार्यकर्ताओं में से कुछ सांसद सतीश गाैतम के पक्ष में तो कुछ बराैली विधायक ठा. जयवीर सिंह के पक्ष में नारेबाजी कर रहे थे। सभा के दाैरान कई बार उनके बीच नोकझोंक होने से टकराव जैसे-तैसे टला। खुद जिला सहकारी बैंक की चेयरमैन उमेश कुमारी ने तो नारेबाजी पर कार्यकर्ताओं को नसीहत तक दे डाली। उन्होंने कहा कि पार्टी सबसे ऊपर है।
मंच पर नहीं मिली जगह
भाजपा व रालोद गठबंधन के कई पदाधिकारियों को मंच पर जगह नहीं मिली तो वे मंच के पास ही खड़े हो गए। हालांकि सुरक्षा कर्मी उन्हें मंच से दूर ही धकेलते रहे।
पानी की बोतल पर रोक
सभा में गर्मी को देखते हुए कार्यकर्ताओं के बीच पानी की बोतलें वितरित की जा रही थीं। जिसे देख प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा की दृष्टि से रोक लगा दी। सभा में जाने वाले लोगों को सघन चेकिंग के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा था।
ढोल-नगाड़े पर खूब थिरके
योगी की मौजूदगी में जनसभा में कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर दिखाई पड़ा। हाथों में बैनर, पोस्टर एवं झंडे लहराने के साथ ही ढोल की थाप पर जमकर थिरकते नजर आए। इससे पहले कार्यकर्ता पैदल ही नारेबाजी करते हुए जनसभा स्थल पर पहुंचे थे।
खाली कुर्सियों ने बढ़ाई चिंता
सभा के दौरान बनाए गए मंच के सामने रखी कुर्सियां सुबह से खाली पड़ी रही। इससे भाजपा नेताओं की चिंता बढ़ गई। हालांकि, मोदी-योगी के मंच पर आने पर अधिकांश कुर्सियां भर गईं, फिर भी कुछ कुर्सियां खाली ही पड़ी रहीं। सोशल मीडिया पर यह खाली पड़ी कुर्सियां काफी वायरल होती रहीं। इस पर लोग तरह-तरह की चर्चाएं करते नजर आए।
आपस में भिड़े कार्यकर्ता
मंच के सामने बैठे कुछ कार्यकर्ता सीट पर बैठने के विवाद में आपस में ही उलझ गए। गाली-गलौज के साथ ही मारपीट तक की नौबत आ गई। गनीमत रही कि कुछ वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने उन्हें समझा-बुझाकर शांत करा दिया।
















