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नवाब मलिक के खिलाफ अट्रॉसिटी केस की जांच कहां तक हुई? बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस से मांगा ब्योरा

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बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस से महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ दर्ज जाति उत्पीड़न (अट्रॉसिटी) केस की जांच का ब्योरा मांगा है। कोर्ट ने गुरुवार को आईआरएस अधिकारी समीर वानखेडे की याचिका पर पुलिस से यह जानकारी मांगी है। मामले की जांच को लेकर पुलिस की निष्क्रियता से नाराज वानखेडे ने ऐडवोकेट सना खान के जरिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में मामले की जांच सीबीआई को ट्रांसफर करने की मांग की गई है।वानखेडे वर्तमान में कर सेवा महानिदेशालय में अडिशनल कमिश्नर के तौर पर तैनात हैं। वानखेडे ने अगस्त 2022 में एनसीपी (अब अजित गुट) नेता मलिक के खिलाफ गोरेगांव पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। यह शिकायत एससी और एसटी ऐक्ट के प्रावधानों के तहत दर्ज कराई गई थी।पुलिस को कोर्ट में बुलाया
गुरुवार को जस्टिस रेवती मोहिते ढेरे और जस्टिस पी.के चव्हाण की बेंच ने गोरेगांव पुलिस स्टेशन के संबंधित पुलिस अधिकारी को अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने मामले में नोटिस जारी करते हुए पुलिस अधिकारी को केस डायरी के साथ हाजिर रहने को कहा है, ताकि वे जांच से जुड़ा विवरण पेश कर सके। दो हफ्ते बाद केस की अगली सुनवाई रखी गई हैयाचिका में क्या है?
याचिका में वानखेडे ने कहा है कि इस मामले में पुलिस की निष्क्रियता के चलते उन्हें और उनके परिवार को काफी मानसिक परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ा है। वानखेडे ने शिकायत में आरोप लगाया है कि मलिक ने इंटरव्यू के दौरान और अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए उन पर और उनके परिवार पर जाति के आधार पर अपमानजनक और मानहानिपूर्ण टिप्पणी की थी। याचिका के अनुसार, इस मामले में अब तक मलिक को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही आज तक कोई चार्जशीट दायर की गई है।

‘पुलिस ने अब तक नहीं की जांच’
याचिका में वानखेडे ने दावा किया है कि पुलिस ने अब तक मामले की कोई जांच नहीं की है, इसलिए केस सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया जाए। जांच को लेकर पुलिस की सुस्ती को देखते हुए वानखेडे ने कोर्ट की निगरानी में तहकीकात की मांग की है। याचिका में दावा किया है कि मलिक ने अपनी राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल पुलिस तंत्र को प्रभावित करने के लिए किया है, इसलिए केस की जांच स्वतंत्र जांच एजेंसी से कराई जानी चाहिए।

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