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कटिहार जिला के बारसोई प्रखंड पदाधिकारी हरिओम शरण अपने पद से इस्तीफा देने के लिए जिला पदाधिकारी को लिखा पत्र।

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बिहार के कटिहार जिला के बारसोई के प्रखंड विकास पदाधिकारी हरिओम शरण ने अनुमण्डल पदाधिकारी  बारसोई द्वारा दी जा रही लगातार मानसिक प्रताड़ना के कारण अपने पद से इस्तीफा देने के पत्र में लिखा है।

वर्तमान में निर्वाचन आयोग द्वारा चलाये जा रहे विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम में प्रशासन के अन्य पदाधिकारियों की भांति अधोहस्ताक्षरी द्वारा भी समय समय पर आयोग एवम वरीय पदाधिकारियों से प्राप्त निर्देश के आलोक में पर्याप्त उत्साह व ततपरता से गहन पुनरीक्षण का कार्य सम्पादन कराया जा रहा है।
फॉर्म अपलोडिंग का कार्य भी पूरी ततपरता से भवदीय एवम अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय के निदेश के आलोक में कराया जा रहा है। इसके लिए प्रखण्ड स्तर से माइक्रो प्लान बनाकर प्रति 10 बीएलओ पर 13 कर्मी अपलोडिंग हेतु प्रतिनियुक्त किये गए हैं। इसके अतिरिक्त भी प्रखण्ड के अन्य विभागीय कर्मियों से भी सुविधानुसार यथासंभव अपलोडिंग का कार्य कराया जा रहा है। प्रखण्ड व विधानसभा की इस कार्य की प्रगति पर निर्वाचन आयोग द्वारा की गई वीसी में भी कोई नकारात्मक टिप्पणी नही की गई है. परन्तु अनुमण्डल पदाधिकारी  द्वारा बार बार मुझे डांटा जाता है कि आप काम नही करते, सुस्त हैं, कोई रुचि नहीं ले रहे हैं, डीएम सर और आयोग को कार्रवाई के लिए लिख देंगे आदि।
अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय को भी विदित है कि मैं अतिशय लोवर बैंक पेन से पीड़ित हूँए पर मैं प्रतिदिन कम से कम 10 से 12 पंचायतों का दौरा कर वहां चलाये जा रहे डिजिटाइजेशन कैम्प का भ्रमण कर रहा हूँ, जहाँ बीएलओ सुपरवाइजर अपनी डिजिटाइजेशन करने वाली टीम के साथ होते हैं। उनसे भी इस सम्बंध में जानकारी ली जा सकती है, ग्रुप में फोटोज भी शेयर किए गए हैं, पर अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा मुझे कहा जाता है की आप घर में सोए रहते हैं, कही भ्रमण नही करते, आप पर कार्रवाई करवा देंगे।

अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय द्वारा दिनांक 08.07.2025 को निदेश दिया गया कि डिजिटाइजेशन कार्य में लगे अपने सभी कर्मियों को रात्रि में भी कार्यालय में रोक कर उनसे अपलोडिंग का कार्य करवाइए। मेरे द्वारा बताया गया कि सर जो कर्मी पूरे दिन कार्य किये हैं उनसे पुनः रात्रि में भी कार्य लिए जाने से अगली सुबह वे कार्य करने की स्थिति में नही रहेंगे। पर उनके द्वारा कहा गया कि सबको रात में भी लगाइए।

उक्त मौखिक आदेश के आलोक में दिनांक 08.07.2025 को कुल 65 कर्मियों को रात्रि में कार्य पर लगाया भी गया। सभी के भोजन की व्यवस्था की गई। परन्तु महोदय, कर्मियों द्वारा बार बार अनुरोध किया जाने लगा कि कार्य कर पाना सम्भव नही है और इससे बेहतर है कि उन्हें फॉर्म दे दिया जाय वे घर से ही आपलोडिंग का कार्य करके प्रातः ले आएंगे। कार्य के दौरान एक स्वच्छता पर्यवेक्षक दिलकश गनी, सभागार में मूर्छित हो कर गिर पड़ा और उसे मिर्गी जैसे दौरे पड़ने लगे, जिसे अविलम्ब इलाज के लिए भेजा गया। जो कर्मी बाइक से घर से आते हैं उनके द्वारा बताया गया कि रात में जगने पर सुबह बाइक चलाते समय नींद आती है सर।

महोदय, ऐसी परिस्थिति में अगर किसी कर्मी के साथ कोई अनहोनी होती है तो इसकी जिम्मेवारी कौन लेगा। उक्त शिविर में अवर निर्वाचन पदाधिकारी बारसोई भी उपस्थित थे और उनके द्वारा भी स्वीकार किया गया कि इन्हें छोड़ दीजिए क्योकि फिर ये कल सुबह काम करने के लायक नहीं रहेंगे साथ ही थके होने या नींद आने पर उनसे आपलोडिंग में गलती की सम्भावना भी बनी रहेगी।

अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय द्वारा दिनांक 09.07.2025 को सन्ध्या 7 बजे मुझे कॉल किया गया और पूछा गया कि आप कहाँ है, मैंने बताया कि सर मैं अभी 5 मिनट पहले ही आवास पर आया हूँ और थोड़ा आराम कर रहा हूँ, 10.15 मिनट में स्ट्रांग रूम जाना है क्योंकि उस दिन दो पंचायतों में पंचायत उप चुनाव भी थे जिनके ईवीएम स्ट्रांग रूम में रखे जाने थे, साथ ही बताया कि मैंने आज मतदान केन्द्रों का और कई पंचायतों में डिजिटाइजेशन कैम्प का भ्रमण किया है और ज्यादा देर गाड़ी में चलने और बैठने से मुझे थोड़ा बैक पेन हो रहा है, मैं बस 10 मिनट आराम कर फिर स्ट्रांग रूम जाऊंगा सर। इसपर उनके द्वारा काफी अपमानजनक रूप से कहा जाने लगा कि आपको रात में कैम्प कराने बोले थे पर आप एकदम लापरवाह हैं, कोई रुचि नहीं ले रहे हैं, कार्रवाई करवा देंगे तो नौकरी चला जायेगा, आप हमेशा बीमारी का बहाना करते हैं, हर दो दिन में आपका तबियत ही खराब हो जाता है, खाली आराम करते रहते हैं, मेरे द्वारा उनसे अनुरोध किया गया कि जो कर्मी दिनभर कार्य करते हैं तो उन्हें रात में भी नहीं रोका जाए बल्कि सरएहम उन्हें प्रतिदिन शाम में टारगेट सेट कर कुछ फॉर्म दे देंगे जो वे घर से अपलोड कर सकेंगे। इससे डिजिटाइजेशन भी बढ़ेगा और किसी को समस्या भी नही होगी। इस पर वे नाराज हो गए और कहने लगे कि आप ढेर दयालु बनते हैं, आपको बड़ा सबका दया लगता है, नौकरी चला जाएगा तब पता लगेगा, आयोग को लिख देंगे, डीएम को भेज देंगे लिख कर आदि। पुनः दिनांक 11.07.2025 को उनके द्वारा गहन पुनरीक्षण कार्य से संबंधित बी की गई।
उक्त वीसी में प्रखण्ड के सभी पर्यवेक्षक पदाधिकारी, बीएलओ सुपरवाइजर, लगभग 250 शिक्षक और प्रखण्ड स्तरीय विभिन्न विभागों के कर्मी यथा पंचायत सचिव, राजस्व कर्मचारी, आवास सहायक, स्वच्छता पर्यवेक्षक, पंचायत कार्यपालक सहायक आदि भी जुड़े हुए थे और उक्त वीसी के दौरान अनुमण्डल पदाधिकारी द्वारा मेरे विषय में अचानक काफी अपमानजनक रूप से कहा जाने लगा कि प्रखण्ड नही चल रहा है कुछ पदाधिकारी से सीओ को उसका चार्ज दिलवा देंगे, डीएम को लिख कर वेतन रुकवा देंगे, आयोग को लिख के कार्रवाई करवा देंगे। उनके द्वारा वीसी से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/कर्मियों को कहा गया कि आपलोग को जो काम है सीधा हमको बताइए, ब्लॉक का अधिकारी किसी काम का नहीं है, आदि। जबकि मैं स्वयम वीसी में जुड़ा हुआ था पर मुझसे कुछ भी नही पूछा गया, न कुछ पूछा गया और न ही कोई निदेश दिया गया।उनके द्वारा बिना किसी वजह अथवा गलती के मुझे बार बार अन्य पदाधिकारी व मेरे अधीनस्थ कर्मियों के समक्ष अपमानित करने का काम किया जा रहा है। 5 दिन पूर्व जब प्रखण्ड सभागार में डिजिटाइजेशन हेतु कर्मी कार्य कर रहे थे जिसमें अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय एवम अवर निर्वाचन पदाधिकारी बारसोई भी उपस्थित थे, जिला निर्वाचन ग्रुप में एक रिपोर्ट शेयर किया गया जिसमें बलरामपुर विधानसभा अंतर्गत कुल डिजिटाइजेशन लगभग 30000 प्रदर्शित हो रहा था। मैंने उन्हें बताया कि सर हमलोगों ने आज कल से बेहतर कार्य किया है, इस पर उन्होंने कहा कि इसमें अधिकतम बलरामपुर ब्लॉक का किया हुआ है आपका काम बहुत खराब है। पर 5 मिनट बाद ही जिला उप निर्वाचन पदाधिकारी महोदय द्वारा प्रखंडवार रिपोर्ट शेयर किया गया जिसमें उक्त 30000 में से लगभग 21000 बारसोई प्रखण्ड का था, ऐसा प्रतीत होता है कि वे किसी पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर किसी भी तरह बस मुझे और मेरे कार्यों को सबके सामने नीचा दिखाना चाहते हैं।

महोदय, अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय द्वारा स्वयम इस बात को स्वीकार किया जाता है कि विगत कई दिनों से एप्प और साइट काफी स्लो कार्य कर रहा है, आयोग द्वारा भी इसे स्वीकार किया गया है, साथ ही जिले में 24 घण्टे इंटरनेट सेवा बाधित रहने से भी फर्क पड़ा पर उनके द्वारा इसका भी सारा दोष मेरे माथे पर मढ़ दिया जाता है कि आपके कारण ही प्रगति स्लो है और आप निर्वाचन कार्य में अभिरुचि नही ले रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें जल्द से जल्द अन्य ERO से आगे निकलना है, इसके लिए जो करना है कीजिये।

महाशय, प्रखण्ड विकास पदाधिकारी के लिए अनुमण्डल पदाधिकारी प्रथम वरीय पदाधिकारी और प्रथम प्रशासनिक अभिवावक स्वरूप होते हैं और कोई भी छोटी बड़ी समस्या सबसे पहले प्रखण्ड विकास पदाधिकारी उनसे साझा करते हैं और आशा करते हैं कि उसका समाधान अनुमण्डल स्तर पर ही हो जाये और जिला के वरीय पदाधिकारी तक जाने की आवश्यकता न पड़े। इसके अतिरिक्त अनुमण्डल का मुख्यालय प्रखण्ड होने के कारण अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय से अन्य प्रखण्ड के प्रखंड विकास पदाधिकारी की अपेक्षा अधोहस्ताक्षरी का अधिक सामना होना स्वाभाविक है। पर हर बार बिना किसी जायज़ गलती अथवा कारण के उनके द्वारा मुझे नीचा दिखाने की कोशिश करना, अपनी टिप्पणी से अपमानित करना मुझे व्यथित भी करता है और अपने प्रशासनिक दायित्वों को पूर्ण करने के मेरे उत्साह को भी क्षीण करता है। महोदय, उनके द्वारा मुझे कारण पृच्छा की गई हैं जिसमें अंकित किया गया है कि “आप इस कार्य में रुचि नही ले रहे. निगरानी नही कर रहे और उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना करते हैं, “पर महोदय, उनके द्वारा यह नहीं अंकित नही किया गया की मेरे द्वारा निगरानी कैसे नहीं की जा रही जबकि अनुमण्डल पदाधिकारी महोदय द्वारा कार्य प्रगति हेतु जो भी निदेश दिए जाते हैं उनका सम्यक अनुपालन किया जाता है, फिर उनके द्वारा किस तरह के निगरानी न करने और अभिरुचि न लेने की बात की जा रही है वह समझ के परे है। वास्तव में मुख्यालय प्रखण्ड होने के कारण प्रखण्ड स्तरीय कार्यों में स्वाभाविक रूप से उनकी भी सहभागिता रहती है यथा बीएलओ या बीएलओ सुपरवाइजर की बैठकों में वे अध्यक्षता करते हैं, प्रखण्ड स्तर से बनने वाली हर कार्ययोजना की उन्हें भी पूरी जानकारी दी जाती है, इससे शायद उन्हें यह प्रतीत होता है कि सारा कार्य वही कर रहे और मैं बिल्कुल लापरवाह हूँ और कुछ भी नहीं कर रहा हूँ। मुझपर उच्च अधिकारी के आदेश की अवहेलना का आरोप लगाया गया है जो स्पष्टतः रात्रि में डिजिटाइजेशन कैम्प से सम्बंधित है। उनके द्वारा इस बात को ईगो का प्रश्न बना लिया गया है कि उनके इस आदेश का अनुपालन मैंने क्यों नही किया!

महोदय, अगर रात्रि शिविर इतना ही आवश्यक था तो उनके द्वारा अपने स्तर से ही इसका विस्तृत आदेश क्यों नही निकाल दिया गया या मुझे इसका लिखित आदेश क्यों नही निर्गत कर दिया गया अथवा कारण पृच्छा में उसका जिक्र क्यों नही किया गया ।

महोदय, मेरे द्वारा लिखित उपरोक्त तथ्य भावुकता से उपजे क्षणिक आवेग नही हैं बल्कि अपने पद के प्रति ईमानदार और अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित व्यक्ति को बिना वजह मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और नीचा दिखाने पर हुई प्रतिक्रिया है।

नेशन न्यूज नेटवर्क इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है

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