बिहार के कटिहार जिला के कोढ़ा प्रखंड क्षेत्र अन्तर्गत मधुरा पंचायत के कोलासी व सेमापुर को जोड़ने वाली पुल को बरसात में संवेदक के द्वारा तोड़े जाने और दलालो के द्वारा चचरी पुल का निर्माण करा कर अवेध उगाही करने पर ग्रामीणों ने कोलासी सुखासन पथ पर टायर जला कर संवेदक के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मामले की सूचना मिलते ही कोलासी पुलिस पहुंची और ग्रामीणों को समझाने लगी। सैकड़ों ग्रामीणों ने संवेदक के द्वारा की जा रही लापरवाही को प्रशाशन को अवगत कराया। ग्रामीणों ने बताया कि चचरी पुल के बगल से जाने पर भी मन माना पैसा मांगा जाता है और चचरी पुल से आने जाने पर जबरदस्ती अवैध उगाही किया जाता है। ग्रामीणों का कहना कि बरसात के दिनों में संवेदक को पूर्व का लोहा पुल को अभी नहीं तोड़ना चाहिए था और पुल का निर्माण का कार्य अभी शुरू नही करना चाहिए था किंतु बरसात में ही पुल को तोड़ा गया। जबकि नियम कहता है की पुल को तोड़े जाने के पहले संवेदक के द्वारा ही डायवर्सन का निर्माण कराया जाता है और उस डायवर्सन से लोग आवाजाही करते। लेकिन ग्रामीणों के कथनानुसार चचरी पुल का निर्माण यहां के कुछ दलालों और संवेदक के द्वारा किया गया और जबरदस्ती दिन में जितनी बार आए उतना बार पैसा मांगा जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक माह से चचरी पुल के नाम पर यह अवैध उगाही का धंधा चल रहा है। मौके पर पहुंचे मधुरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि ने इंजीनियर से बात की और इस उगाही को बंद करवाने की बात कही। पुल निर्माण के जेई के द्वारा आश्वासन मिलने के बाद मधुरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मिनहाज आलम और कोलासी शिविर प्रभारी विकाश कुमार ने ग्रामीणों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। तब जाकर आक्रोशित ग्रामीण शांत हुए और आवाजाही शुरू हो पाया।
















