कटिहार जिले के मनिहारी थाना क्षेत्र में अवैध शराब के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 23.370 लीटर शराब जब्त की है। इस छापामारी में दोगछी केवाला निवासी दशरथ ऋषि को 4 लीटर देशी शराब के साथ गिरफ्तार किया गया है, जबकि अन्य ठिकानों से कुल 19.370 लीटर देशी और विदेशी शराब भी बरामद की गई है। पुलिस ने इस मामले में कांड संख्या 270/24 दर्ज कर, गिरफ्तार अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है और फरार आरोपियों की तलाश तेज कर दी है।
यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब बिहार के सिवान और छपरा जिलों में जहरीली शराब पीने से हो रही मौतों ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। अब तक 50 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, और सरकार पर सवाल उठने लगे हैं कि शराबबंदी कानून के बावजूद ये मौतें कैसे हो रही हैं? मनिहारी में की गई पुलिस की यह छापामारी एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन यह सवाल भी उठता है कि क्या ऐसी सख्त कार्रवाइयां समय रहते की जा सकती थीं, जिससे सिवान और छपरा जैसी त्रासदी से बचा जा सके?
जहां एक तरफ पुलिस का दावा है कि वे अवैध शराब के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, वहीं सिवान और छपरा के जहरीली शराब कांड ने कानून-व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। प्रशांत किशोर ने राज्य सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा है कि शराबबंदी पूरी तरह से विफल हो गई है, जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी ने भी इस मुद्दे पर बयान दिए हैं।
मनिहारी में हुई छापामारी निश्चित तौर पर सराहनीय है, लेकिन राज्य के अन्य हिस्सों में हो रही इन मौतों ने यह साबित कर दिया है कि अवैध शराब के कारोबार पर कड़ी नज़र रखने की जरूरत है। क्योंकि निश्चित तौर पर ये कहा जा सकता है कि मनिहारी में शराबबंदी के बाद से शराब के अवैध विक्रेताओं का कारोबार फलफूल रहा है ,सवाल यह है कि क्या अब की जा रही कार्यवाही पर्याप्त है,
















