कटिहार जिला के हसनगंज में देवाधिदेव महादेव को समर्पित सावन माह में जहां शिव मंदिरों में जलाभिषेक को लेकर भिड़ व बोल बम,हर हर महादेव का जय घोष गूंजता रहता है। वहीं जिले के हसनगंज प्रखंड स्थित बेहतर शिल्प कलाओं से निर्मित अति प्राचीन शिव मंदिर खंडर बनता जा रहा है।
हसनगंज प्रखंड के कालसर पंचायत के हरखा पोखर स्थित सैकड़ो वर्ष पुराना ऐतिहासिक शिव मंदिर उपेक्षा का दंश झेल रहा है। खास पर्व त्यौहारों के मौके पर ही इस शिव मंदिर में आसपास के इक्का दुक्का श्रद्धालु पूजा अर्चना करते हैं। मंदिर की साफ सफाई तो दूर अन्य दिनों भोलेनाथ के शिवलिंग पर जल तक नही चढ़ता है। देख रेख़ के अभाव मे मंदिरों के दीवारों पर व मंदिर प्रांगण मे जंगली पौधे अपना बसेरा बना लिया है। मंदिर जर्जर होने लगी है। मंदिर परिसर मे स्थित कुंआ का अस्तित्व मिट गया है। बेहतर वास्तुकला द्वारा निर्मित हरखनाथ शिव मंदिर जर्जर स्थिति में भी आज अपनी भव्यता को दर्शाता हुआ नजर आ रहा है।
पंचायत के पूर्व मुखिया राजेंद्र उरांव ने बताया की यह मंदिर करीब छह सौ वर्ष पुराना है। जिसका निर्माण सौरिया के राजा द्वारा करवाया गया था। इसके साथ ही इस मंदिर में राजा व राज परिवार द्वारा पूजा अर्चना के लिए आने से आज भी मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग को लोग राजा सड़क के नाम से जानते हैं। इन्होंने बताया की मंदिर के नाम से पूर्व मे तीन डिसमिल भूमि थी। लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा मंदिर परिसर में लगे पुराने वृक्षों की बिक्री कर उससे मिली आय से 81 डिसमिल भूमि की क्रय की गई है। वर्तमान मे मंदिर को कुल 84 डिसमिल भूमि है। लेकिन मंदिर के जीर्णोद्धार की ओर स्थानीय व सरकार की ओर से किसी भी तरह का पहल नहीं किया जा रहा है। जिससे मंदिर जीर्णशीर्ण अवस्था मे पहुंचने लगी है। यह मंदिर हसनगंज प्रखंड क्षेत्र का धरोहर है। अगर सरकारी स्तर से इस मंदिर का जीर्णोद्धार कर दिया जा तो क्षेत्र के अतिप्राचीन धरोहर का अस्तित्व मिटने से बच जाएगा।
















